Category: Primary Ka Master

  • पति शासन में, मैडम को स्कूल में पढ़ाना पसंद नहीं, पढ़िए पूरा मामला

    पति शासन में, मैडम को स्कूल में पढ़ाना पसंद नहीं, पढ़िए पूरा मामला

    पति शासन में, मैडम को स्कूल में पढ़ाना पसंद नहीं, पढ़िए पूरा मामला

  • बेसिक स्कूलों के विद्यार्थी भी अब ऑनलाइन देख सकेंगे परिणाम,पढिए पूरी सूचना

    बेसिक स्कूलों के विद्यार्थी भी अब ऑनलाइन देख सकेंगे परिणाम,पढिए पूरी सूचना

    बेसिक स्कूलों के विद्यार्थी भी अब ऑनलाइन देख सकेंगे परिणाम,पढिए पूरी सूचना

    मथुरा: सीबीएसई, आईसीएसई और यूपी बोर्ड की तर्ज पर अब परिषदीय विद्यालयों vidyalay के बच्चे भी ऑनलाइन परीक्षा Exam परिणाम देख सकेंगे। इससे शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होने के साथ ही परीक्षा प्रणाली भी बेहतर होगी।जिले में 1536 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। कई बार बच्चों और अभिभावकों की अनदेखी के चलते रिपोर्ट report कार्ड फट जाते हैं या गुम हो जाते हैं।

    इन समस्याओं को दूर करने के लिए और खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को चिह्नित कर सुधार करने के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा विभाग vibhag ने यह पहल की है। राज्य स्तर पर स्कूलों की निगरानी और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार करने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की गई है।

    जिले में 50 से कम छात्र संख्या वाले चार सौ से ज्यादा स्कूल

    विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से सभी स्कूलों के परीक्षा परिणाम का विश्लेषण किया जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त ने बताया कि शिक्षक पंजीकृत छात्र-छात्राओं का डाटा प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करेंगे।

    इसके लिए सभी बीईओ BEO और प्रधानाध्यापकों headmaster को निर्देशित किया गया है। कई बार स्कूलों School में विद्यार्थियों के परिणाम सही से तैयार नहीं किए जाते, ऐसे में अब ऑनलाइन व्यवस्था होने से किसी भी तरह की गड़बड़ी होने की आशंका नहीं रहेगी।

  • शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों का पुरानी पेंशन विकल्प पत्र के सम्बन्ध में।

    शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों का पुरानी पेंशन विकल्प पत्र के सम्बन्ध में।

    शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों का पुरानी पेंशन विकल्प पत्र के सम्बन्ध में।

    उपर्युक्त विषयक जैसा कि आप द्वारा अवगत कराया गया है कि शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक पर नियुक्त शिक्षकों द्वारा पुरानी पेंशन विकल्प पत्र के सम्बन्ध में प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये जा रहे है। उक्त के सम्बन्ध में आपको निर्देशित किया जाता है कि सम्बन्धित को अपने स्तर से सूचित करने का कष्ट करें कि निम्नलिखित बिन्दुओं के वांछित अभिलेख 03 दिवस में जमा कराकर यथाशीघ्र संकलित पत्रावली सूची सहित 05 दिवस में अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें जिससे उक्त प्रकरण में नियमानुसार अग्रेतर कार्यवाही की जा सकें।

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    1. शिक्षा मित्र पद पर तैनाती हेतु विज्ञापन व तैनाती आदेश की स्वप्रमाणित छायाप्रति।

    2. समयोजन सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु प्रशिक्षण का अंकपत्र/प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित छायाप्रति।

    3. समयोजित सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु जारी विज्ञापन स्वप्रमाणित छायाप्रति।

    4. शिक्षा मित्र पद पर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त (हाँ/नहीं) यदि हो तो नियुक्ति पत्र/कार्यभार ग्रहण की स्वप्रमाणित छायाप्रति।

    5. समायोजित सहायक अध्यापक पद से प्रत्यावर्तित होने का आदेश एवं पुनः शिक्षा मित्र पद पर कार्यभार ग्रहण करने की स्वप्रमाणित छायाप्रति।

    6. सहायक अध्यापक पद पर भर्ती हेतु जारी विज्ञापन की स्वप्रमाणित छायाप्रति।

    7. सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति आदेश एवं कार्यभार ग्रहण करने की स्वप्रमाणित छायाप्रति।

    8. कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व शिक्षा मित्र पद से त्याग पत्र (हाँ/नहीं) यदि हो तो त्यागपत्र की स्वप्रमाणित छायाप्रति।

     

    नोट-खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को अतिरिक्त अन्य माध्यमों जैसे पंजीकृत डाक कार्यालय रिसीट से उपलब्ध कराये गये प्रत्यावेदनों पर विचार नहीं किया जायेगा। विभाग द्वारा उक्त में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह सभी को स्वीकार्य होगा

    स्वाती भारती

    जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, हाथरस।
    पृ०सं० व दिनांक-उक्तवत्।
    प्रतिलिपि-सम्बन्धित शिक्षकों को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित।

    जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, हाथरस।

  • Contract Employees Regularization News Latest Update: जनवरी से पहले यह संविदा कर्मचारी हो जाएंगे नियमित! डबल इंजन की सरकार ने शुरू की तैयारी

    Contract Employees Regularization News Latest Update: जनवरी से पहले यह संविदा कर्मचारी हो जाएंगे नियमित! डबल इंजन की सरकार ने शुरू की तैयारी

    Contract Employees Regularization News Latest Update: जनवरी से पहले यह संविदा कर्मचारी हो जाएंगे नियमित! डबल इंजन की सरकार ने शुरू की तैयारी

    लखनऊ:Contract Employees Regularization News Latest Update संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्द अब सिर्फ एक राज्य तक ही सिमित नहीं रह गया है। देश के लगभग सभी राज्यों state में नियमितीकरण का मुद्दा गरमाने लगा है।

    Contract Employees Regularization News Latest Update: जनवरी से पहले यह संविदा कर्मचारी हो जाएंगे नियमित! डबल इंजन की सरकार ने शुरू की तैयारी

    हालांकि हरियाणा, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्य की सरकारों government ने नियमतीकरण पर विचार करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में खबर News आ रही है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार government ने भी संविदा और डेलीवेज कर्मचारियों के नियमितीकरण का मन बना लिया है और इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।

    Contract Employees Regularization News

    मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय निदेशालय ने सभी शहरी निकायों से संविदा कर्मचारियों की सूची मांगी है। कहा जा रहा है कि शहरी निकायों से सहमति का प्रस्ताव मिलने के बाद नियमितीकरण के लिए वित्त और कार्मिक विभाग से अनुमति ली जाएगी। वहीं, ये जानकारी सामने आने के बाद ये कहा जा रहा है कि नए साल year यानि साल 2025 से पहले ही संविदा कर्मचारियों के नियमिकरण का आदेश जारी हो सकता है।

    बता दें कि प्रदेश भर के कर्मचारी और शिक्षक संगठन संविदा या डेलीवेज पर काम कर रहे कर्मचारियों के विनियमितीकरण की मांग कर रहे थे। कर्मचारी और शिक्षक संगठनों की मांग देखते हुए कार्मिक विभाग ने साल year 2016 में एक विनियमितीकरण नीति तैयार की थी। इस नीति के मुताबिक दिसंबर 2001 या उससे पहले से काम कर रहे संविदा या डेलीवेज कर्मचारियों को रिक्तियों के पदों पर विनियमित किया जाना था।

    कार्मिक विभाग vibhag ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वित्त विभाग ने कुछ आपत्तियों के साथ प्रस्ताव विचाराधीन कर दिया था। अब शहरी निकायों में काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों के विनियमितीकरण की तैयारी शुरू हो गई है।सूत्र बताते हैं कि शहरी निकाय अपने संसाधनों से ही विनियमित होने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह आदि का खर्च वहन करेंगे।

    इससे सीधे तौर पर सरकार government पर वित्तीय भार नहीं आएगा। लिहाजा, विनियमितीकरण के आदेश में लगा सबसे बड़ा पेच समाप्त हो जाएगा और कर्मचारियों के विनियमित होने के रास्ता साफ हो जाएगा। शहरी निकायों के कर्मचारी लगातार विनियमितीकरण के संबंध में शासन में दबाव बना रहे हैं। बीते दिनों कर्मचारी संगठनों ने शासन को नोटिस notice भी जारी किया था कि अगर उनकी पुरानी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो वे आंदोलन तेज करेंगे और काम बंदी का भी फैसला लिया जा सकता है।

    सूत्र बताते हैं कि कर्मचारियों के उसी आक्रोश को देखते हुए रुकी हुई प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई है। यह भी तय कर लिया गया है कि शासन पर वित्तीय बोझ न पड़े, इसलिए वित्त विभाग vibhag ने कार्मिक विभाग vibhag का प्रस्ताव विचाराधीन रखा है।

    लिहाजा, विनियमित किए जाने वाले इन कर्मचारियों पर आने वाले खर्च का वहन शहरी निकाय खुद करें। इससे वित्त विभाग की बड़ी आपत्तियों में से एक समाप्त भी हो जाएगी और कर्मचारियों का विनियमितीकरण भी हो जाएगा।

  • Vidhwa Pension Scheme Online: सरकार दे रही विधवा महिलाओं को हर महीने 2250 रुपये पेंशन, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

    Vidhwa Pension Scheme Online: सरकार दे रही विधवा महिलाओं को हर महीने 2250 रुपये पेंशन, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

    Vidhwa Pension Scheme Online: सरकार दे रही विधवा महिलाओं को हर महीने 2250 रुपये पेंशन, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

    Vidhwa Pension Scheme Online: केंद्र सरकार government आए दिन कोई ना कोई योजना yojna शुरू करती रहती है ऐसे में देश की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओ की सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार government द्वारा एक विशेष योजना yojna चलाई है जिसका नाम विधवा पेंशन योजना yojna है।

    Vidhwa Pension Scheme Online

    Vidhwa Pension Scheme Online

    केंद्र सरकार government की इस योजना में देश की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने पेंशन दी जाती है ताकि उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना ना करना पड़े।

    विधवा पेंशन योजना और महिला किसी ने पेंशन योजना का लाभ नहीं ले रही है

    इस योजना yojna में राज्य के हिसाब से अलग-अलग पेंशन pension दी जाती है। इस योजना yojna का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं बिना किसी परेशानी के अपना जीवन यापन कर सके। विधवा पेंशन योजना yojna और महिला किसी ने पेंशन योजना yojna का लाभ नहीं ले रही है।

    अगर दूसरे राज्य की बात करे तो महाराष्ट्र सरकार government विधवा पेंशन योजना को हर महीने ₹900 पेंशन देती है जबकि दिल्ली पेंशन योजना yojna के तहत महिला को ढाई हजार पेंशन का लाभ दिया जाता है। राजस्थान में विधवा पेंशन योजना yojna में हर महीने 750 पेंशन का लाभ दिया जाता है तथा उत्तराखंड सरकार government विधवा महिला को हर महीने ₹1200 का पेंशन का लाभ देती है। गुजरात विधवा पेंशन के तहत महिलाओं को हर महीने 1250 रूपये दिए जाते हैं।

    Vidhwa Pension Scheme Document

    विधवा पेंशन योजना yojna में आवेदन करने के लिए आधार कार्ड Aadhar card की कॉपी, मृत्यु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र के साथ-साथ बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होती है। इन दस्तावेजों document के आधार पर विधवा पेंशन योजना yojna में आवेदन किया जा सकता है।

  • Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में नुकसान को रोकने के लिए ‘विराम विकल्प’ चुनना सबसे सही

    Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में नुकसान को रोकने के लिए ‘विराम विकल्प’ चुनना सबसे सही

    Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में नुकसान को रोकने के लिए ‘विराम विकल्प’ चुनना सबसे सही

    दुनियाभर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों के चलते बीते कुछ हफ्तों से शेयर बाजार को तेज गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। इससे इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशक भी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से मासिक या तिमाही आधार पर निवेश कर रहे निवेशक नुकसान से बचने के लिए पॉज सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके तहत निवेशक कुछ समय के लिए अस्थायी रूप से अपनी एसआईपी को रोक सकते हैं। स्थिति सकारात्मक होने पर एसआईपी फिर से खुद शुरू हो जाएगी।

    Mutual Fund

    सुविधा लेने के लिए निवेशक को ये कदम उठाने होंगे

    अगर आप भी एसआईपी पॉज की सुविधा लेना चाहते हैं तो इसके लिए अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी को ई-मेल के जरिए इसकी जानकारी देनी होगी। मेल में आपको अपने फोलियो नंबर की जानकारी देनी होगी, जिसके बाद कंपनी आपको यह सुविधा देगी।

    इसके अलावा कंपनी के मोबाइल ऐप अथवा वेबसाइट पर लॉगइन करके भी आवेदन कर सकते हैं। कंपनी कितने दिनों की पॉज सुविधा देती है, उसी हिसाब से आवेदन करना होगा। अगर कंपनी एक से छह महीने के लिए यह सुविधा दे रही है तो आप इस अवधि के लिए ही एसआईपी को अस्थायी रूप से रोक सकते हैं।

    क्या है एसआईपी विराम की रणनीति एसआईपी पॉज एक निवेश रणनीति है, जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड योजना को पूरी तरह से बंद किए बिना अपने एसआईपी भुगतान को अस्थायी रूप से रोकने की अनुमति देती है। यह समझना जरूरी है कि इस विकल्प में एसआईपी भुगतान को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है।

    यह अवधि म्यूचुअल फंड कंपनी की नीतियों के आधार पर कई महीनों से लेकर एक साल तक हो सकती है। इस अस्थायी विराम के दौरान निवेशकों को अपने एसआईपी में कोई अतिरिक्त योगदान करने की बाध्यता नहीं होती है। यह अस्थायी रोक विशेष रूप से तब फायदेमंद हो सकती है, जब कोई व्यक्ति वित्तीय संकट का सामना करता है।

    कितने दिन तक रोकसकते हैं निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, म्यूचुअल फंड निवेशक अचानक आए वित्तीय संकट या शेयर बाजार में गिरावट के असर से बचने के लिए इस ‘पॉॅज विकल्प’ को चुन सकते हैं। पहले यह सुविधा एक से तीन महीने की थी लेकिन अब कुछ म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इसे छह महीने तक बढ़ा दिया है।

    वहीं, कुछ कंपनियां एक साल तक का समय भी देती हैं। यदि निवेशक छह महीने के लिए एसआईपी को अस्थायी रूप से रोकने का विकल्प चुनता है तो इस अवधि तक उसके बैंक खाते से रकम नहीं कटेगी। यह अवधि पूरी होने के बाद एसआईपी की रकम खाते से खुद-ब-खुद कटने लगेगी। इस पर कोई अतिरिक्तब्याज भी नहीं देना होगा यानी एसआईपी बंद नहीं होगी।

    इन बातों का भी ध्यान रखें

    ● निवेशक को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए अगली एसआईपी तिथि से पहले फंड हाउस को सूचित करना होगा। पॉज सुविधा केवल मासिक एसआईपी पर ही उपलब्ध है।

    ● म्यूचुअल फंड कंपनियों के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अगली एसआईपी कटने की तारीख से 15-21 दिन पहले पॉज के लिए आवेदन करना होगा।

    ● ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड हाउस आगे आपके बैंक को ईसीएस मैंडेट रोकने के लिए सूचित करेंगे। उन्हें मैंडेट को बदलने में समय लग सकता है।

    ● इस सुविधा का लाभ एसआईपी निवेश की अवधि के लिए एक या दो बार ही उठाया जा सकता है। हालांकि, यह फंड हाउस के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

    ● अगर किसी निवेशक ने एसपीआई को छह माह के लिए रोका है तो जब यह अवधि समाप्त होगी, तब एसआईपी की रकम स्टेप-अप हो सकती है। यानी यदि निवेशक मासिक आधार पर एक हजार रुपये कटवा रहा है तो यह रकम बढ़कर 1500 रुपये हो सकती है। कुछ म्यूचुअल फंड स्टेप-अप का नियम लागू कर सकते हैं।

    व्यक्तिगत जरूरतें

    शादी, बच्चे का जन्म या घर खरीदना जैसे जीवन के बड़े पड़ावों के लिए अक्सर काफी वित्तीय व्यय की जरूरत होती है। एसआईपी को रोकना इन वित्तीय मांगों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।

    निवेश को बंद करना समझदारी का फैसला नहीं

    विशेषज्ञों का कहना है कि किसी तरह की वित्तीय परेशानी आने पर एसआईपी को बंद करना सही फैसला नहीं होता है। इसके बजाए निवेशक एसआईपी पॉज की सुविधा ले सकते हैं। इससे निवेश का लक्ष्य प्रभावित नहीं होता है। मिसाल के लिए कोविड महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते बहुत लोगों ने एसआईपी में पॉज विकल्प को चुना था। कोविड के बाद बाजार में रिकवरी शुरू हुई तो यह बहुत लंबी चली थी और निवेशकों के नुकसान की भरपाई तेजी से हुई थी।

    आवेदन के तीन तरीके

    निवेशक अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी अथवा केवाईसी रजिस्ट्री कैम्स (CAMS ) और के-फिनटेक (KFintech) के माध्यम से पॉज सुविधा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से आवेदन कर सकते हैं।

  • वेतन कटौती आदेश | Salary deduction order

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    FROM APD SIR, SPO

    सभी BSA ध्यान दें।
    “`माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुक्रम में समायोजन प्रक्रिया के अग्रिम चरण अग्रिम आदेशों तक स्थगित रहेंगे।“`

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