Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में नुकसान को रोकने के लिए ‘विराम विकल्प’ चुनना सबसे सही

By Ravi Singh

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Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में नुकसान को रोकने के लिए ‘विराम विकल्प’ चुनना सबसे सही

दुनियाभर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों के चलते बीते कुछ हफ्तों से शेयर बाजार को तेज गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। इससे इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशक भी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से मासिक या तिमाही आधार पर निवेश कर रहे निवेशक नुकसान से बचने के लिए पॉज सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके तहत निवेशक कुछ समय के लिए अस्थायी रूप से अपनी एसआईपी को रोक सकते हैं। स्थिति सकारात्मक होने पर एसआईपी फिर से खुद शुरू हो जाएगी।

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सुविधा लेने के लिए निवेशक को ये कदम उठाने होंगे

अगर आप भी एसआईपी पॉज की सुविधा लेना चाहते हैं तो इसके लिए अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी को ई-मेल के जरिए इसकी जानकारी देनी होगी। मेल में आपको अपने फोलियो नंबर की जानकारी देनी होगी, जिसके बाद कंपनी आपको यह सुविधा देगी।

इसके अलावा कंपनी के मोबाइल ऐप अथवा वेबसाइट पर लॉगइन करके भी आवेदन कर सकते हैं। कंपनी कितने दिनों की पॉज सुविधा देती है, उसी हिसाब से आवेदन करना होगा। अगर कंपनी एक से छह महीने के लिए यह सुविधा दे रही है तो आप इस अवधि के लिए ही एसआईपी को अस्थायी रूप से रोक सकते हैं।

क्या है एसआईपी विराम की रणनीति एसआईपी पॉज एक निवेश रणनीति है, जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड योजना को पूरी तरह से बंद किए बिना अपने एसआईपी भुगतान को अस्थायी रूप से रोकने की अनुमति देती है। यह समझना जरूरी है कि इस विकल्प में एसआईपी भुगतान को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है।

यह अवधि म्यूचुअल फंड कंपनी की नीतियों के आधार पर कई महीनों से लेकर एक साल तक हो सकती है। इस अस्थायी विराम के दौरान निवेशकों को अपने एसआईपी में कोई अतिरिक्त योगदान करने की बाध्यता नहीं होती है। यह अस्थायी रोक विशेष रूप से तब फायदेमंद हो सकती है, जब कोई व्यक्ति वित्तीय संकट का सामना करता है।

कितने दिन तक रोकसकते हैं निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, म्यूचुअल फंड निवेशक अचानक आए वित्तीय संकट या शेयर बाजार में गिरावट के असर से बचने के लिए इस ‘पॉॅज विकल्प’ को चुन सकते हैं। पहले यह सुविधा एक से तीन महीने की थी लेकिन अब कुछ म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इसे छह महीने तक बढ़ा दिया है।

वहीं, कुछ कंपनियां एक साल तक का समय भी देती हैं। यदि निवेशक छह महीने के लिए एसआईपी को अस्थायी रूप से रोकने का विकल्प चुनता है तो इस अवधि तक उसके बैंक खाते से रकम नहीं कटेगी। यह अवधि पूरी होने के बाद एसआईपी की रकम खाते से खुद-ब-खुद कटने लगेगी। इस पर कोई अतिरिक्तब्याज भी नहीं देना होगा यानी एसआईपी बंद नहीं होगी।

इन बातों का भी ध्यान रखें

● निवेशक को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए अगली एसआईपी तिथि से पहले फंड हाउस को सूचित करना होगा। पॉज सुविधा केवल मासिक एसआईपी पर ही उपलब्ध है।

● म्यूचुअल फंड कंपनियों के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अगली एसआईपी कटने की तारीख से 15-21 दिन पहले पॉज के लिए आवेदन करना होगा।

● ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड हाउस आगे आपके बैंक को ईसीएस मैंडेट रोकने के लिए सूचित करेंगे। उन्हें मैंडेट को बदलने में समय लग सकता है।

● इस सुविधा का लाभ एसआईपी निवेश की अवधि के लिए एक या दो बार ही उठाया जा सकता है। हालांकि, यह फंड हाउस के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

● अगर किसी निवेशक ने एसपीआई को छह माह के लिए रोका है तो जब यह अवधि समाप्त होगी, तब एसआईपी की रकम स्टेप-अप हो सकती है। यानी यदि निवेशक मासिक आधार पर एक हजार रुपये कटवा रहा है तो यह रकम बढ़कर 1500 रुपये हो सकती है। कुछ म्यूचुअल फंड स्टेप-अप का नियम लागू कर सकते हैं।

व्यक्तिगत जरूरतें

शादी, बच्चे का जन्म या घर खरीदना जैसे जीवन के बड़े पड़ावों के लिए अक्सर काफी वित्तीय व्यय की जरूरत होती है। एसआईपी को रोकना इन वित्तीय मांगों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।

निवेश को बंद करना समझदारी का फैसला नहीं

विशेषज्ञों का कहना है कि किसी तरह की वित्तीय परेशानी आने पर एसआईपी को बंद करना सही फैसला नहीं होता है। इसके बजाए निवेशक एसआईपी पॉज की सुविधा ले सकते हैं। इससे निवेश का लक्ष्य प्रभावित नहीं होता है। मिसाल के लिए कोविड महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते बहुत लोगों ने एसआईपी में पॉज विकल्प को चुना था। कोविड के बाद बाजार में रिकवरी शुरू हुई तो यह बहुत लंबी चली थी और निवेशकों के नुकसान की भरपाई तेजी से हुई थी।

आवेदन के तीन तरीके

निवेशक अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी अथवा केवाईसी रजिस्ट्री कैम्स (CAMS ) और के-फिनटेक (KFintech) के माध्यम से पॉज सुविधा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से आवेदन कर सकते हैं।

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