Author: Ravi Singh

  • Vidhwa Pension Scheme Online: सरकार दे रही विधवा महिलाओं को हर महीने 2250 रुपये पेंशन, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

    Vidhwa Pension Scheme Online: सरकार दे रही विधवा महिलाओं को हर महीने 2250 रुपये पेंशन, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

    Vidhwa Pension Scheme Online: सरकार दे रही विधवा महिलाओं को हर महीने 2250 रुपये पेंशन, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

    Vidhwa Pension Scheme Online: केंद्र सरकार government आए दिन कोई ना कोई योजना yojna शुरू करती रहती है ऐसे में देश की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओ की सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार government द्वारा एक विशेष योजना yojna चलाई है जिसका नाम विधवा पेंशन योजना yojna है।

    Vidhwa Pension Scheme Online

    Vidhwa Pension Scheme Online

    केंद्र सरकार government की इस योजना में देश की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने पेंशन दी जाती है ताकि उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना ना करना पड़े।

    विधवा पेंशन योजना और महिला किसी ने पेंशन योजना का लाभ नहीं ले रही है

    इस योजना yojna में राज्य के हिसाब से अलग-अलग पेंशन pension दी जाती है। इस योजना yojna का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं बिना किसी परेशानी के अपना जीवन यापन कर सके। विधवा पेंशन योजना yojna और महिला किसी ने पेंशन योजना yojna का लाभ नहीं ले रही है।

    अगर दूसरे राज्य की बात करे तो महाराष्ट्र सरकार government विधवा पेंशन योजना को हर महीने ₹900 पेंशन देती है जबकि दिल्ली पेंशन योजना yojna के तहत महिला को ढाई हजार पेंशन का लाभ दिया जाता है। राजस्थान में विधवा पेंशन योजना yojna में हर महीने 750 पेंशन का लाभ दिया जाता है तथा उत्तराखंड सरकार government विधवा महिला को हर महीने ₹1200 का पेंशन का लाभ देती है। गुजरात विधवा पेंशन के तहत महिलाओं को हर महीने 1250 रूपये दिए जाते हैं।

    Vidhwa Pension Scheme Document

    विधवा पेंशन योजना yojna में आवेदन करने के लिए आधार कार्ड Aadhar card की कॉपी, मृत्यु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र के साथ-साथ बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होती है। इन दस्तावेजों document के आधार पर विधवा पेंशन योजना yojna में आवेदन किया जा सकता है।

  • Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में नुकसान को रोकने के लिए ‘विराम विकल्प’ चुनना सबसे सही

    Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में नुकसान को रोकने के लिए ‘विराम विकल्प’ चुनना सबसे सही

    Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में नुकसान को रोकने के लिए ‘विराम विकल्प’ चुनना सबसे सही

    दुनियाभर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों के चलते बीते कुछ हफ्तों से शेयर बाजार को तेज गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। इससे इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशक भी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से मासिक या तिमाही आधार पर निवेश कर रहे निवेशक नुकसान से बचने के लिए पॉज सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके तहत निवेशक कुछ समय के लिए अस्थायी रूप से अपनी एसआईपी को रोक सकते हैं। स्थिति सकारात्मक होने पर एसआईपी फिर से खुद शुरू हो जाएगी।

    Mutual Fund

    सुविधा लेने के लिए निवेशक को ये कदम उठाने होंगे

    अगर आप भी एसआईपी पॉज की सुविधा लेना चाहते हैं तो इसके लिए अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी को ई-मेल के जरिए इसकी जानकारी देनी होगी। मेल में आपको अपने फोलियो नंबर की जानकारी देनी होगी, जिसके बाद कंपनी आपको यह सुविधा देगी।

    इसके अलावा कंपनी के मोबाइल ऐप अथवा वेबसाइट पर लॉगइन करके भी आवेदन कर सकते हैं। कंपनी कितने दिनों की पॉज सुविधा देती है, उसी हिसाब से आवेदन करना होगा। अगर कंपनी एक से छह महीने के लिए यह सुविधा दे रही है तो आप इस अवधि के लिए ही एसआईपी को अस्थायी रूप से रोक सकते हैं।

    क्या है एसआईपी विराम की रणनीति एसआईपी पॉज एक निवेश रणनीति है, जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड योजना को पूरी तरह से बंद किए बिना अपने एसआईपी भुगतान को अस्थायी रूप से रोकने की अनुमति देती है। यह समझना जरूरी है कि इस विकल्प में एसआईपी भुगतान को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है।

    यह अवधि म्यूचुअल फंड कंपनी की नीतियों के आधार पर कई महीनों से लेकर एक साल तक हो सकती है। इस अस्थायी विराम के दौरान निवेशकों को अपने एसआईपी में कोई अतिरिक्त योगदान करने की बाध्यता नहीं होती है। यह अस्थायी रोक विशेष रूप से तब फायदेमंद हो सकती है, जब कोई व्यक्ति वित्तीय संकट का सामना करता है।

    कितने दिन तक रोकसकते हैं निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, म्यूचुअल फंड निवेशक अचानक आए वित्तीय संकट या शेयर बाजार में गिरावट के असर से बचने के लिए इस ‘पॉॅज विकल्प’ को चुन सकते हैं। पहले यह सुविधा एक से तीन महीने की थी लेकिन अब कुछ म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इसे छह महीने तक बढ़ा दिया है।

    वहीं, कुछ कंपनियां एक साल तक का समय भी देती हैं। यदि निवेशक छह महीने के लिए एसआईपी को अस्थायी रूप से रोकने का विकल्प चुनता है तो इस अवधि तक उसके बैंक खाते से रकम नहीं कटेगी। यह अवधि पूरी होने के बाद एसआईपी की रकम खाते से खुद-ब-खुद कटने लगेगी। इस पर कोई अतिरिक्तब्याज भी नहीं देना होगा यानी एसआईपी बंद नहीं होगी।

    इन बातों का भी ध्यान रखें

    ● निवेशक को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए अगली एसआईपी तिथि से पहले फंड हाउस को सूचित करना होगा। पॉज सुविधा केवल मासिक एसआईपी पर ही उपलब्ध है।

    ● म्यूचुअल फंड कंपनियों के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अगली एसआईपी कटने की तारीख से 15-21 दिन पहले पॉज के लिए आवेदन करना होगा।

    ● ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड हाउस आगे आपके बैंक को ईसीएस मैंडेट रोकने के लिए सूचित करेंगे। उन्हें मैंडेट को बदलने में समय लग सकता है।

    ● इस सुविधा का लाभ एसआईपी निवेश की अवधि के लिए एक या दो बार ही उठाया जा सकता है। हालांकि, यह फंड हाउस के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

    ● अगर किसी निवेशक ने एसपीआई को छह माह के लिए रोका है तो जब यह अवधि समाप्त होगी, तब एसआईपी की रकम स्टेप-अप हो सकती है। यानी यदि निवेशक मासिक आधार पर एक हजार रुपये कटवा रहा है तो यह रकम बढ़कर 1500 रुपये हो सकती है। कुछ म्यूचुअल फंड स्टेप-अप का नियम लागू कर सकते हैं।

    व्यक्तिगत जरूरतें

    शादी, बच्चे का जन्म या घर खरीदना जैसे जीवन के बड़े पड़ावों के लिए अक्सर काफी वित्तीय व्यय की जरूरत होती है। एसआईपी को रोकना इन वित्तीय मांगों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।

    निवेश को बंद करना समझदारी का फैसला नहीं

    विशेषज्ञों का कहना है कि किसी तरह की वित्तीय परेशानी आने पर एसआईपी को बंद करना सही फैसला नहीं होता है। इसके बजाए निवेशक एसआईपी पॉज की सुविधा ले सकते हैं। इससे निवेश का लक्ष्य प्रभावित नहीं होता है। मिसाल के लिए कोविड महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते बहुत लोगों ने एसआईपी में पॉज विकल्प को चुना था। कोविड के बाद बाजार में रिकवरी शुरू हुई तो यह बहुत लंबी चली थी और निवेशकों के नुकसान की भरपाई तेजी से हुई थी।

    आवेदन के तीन तरीके

    निवेशक अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी अथवा केवाईसी रजिस्ट्री कैम्स (CAMS ) और के-फिनटेक (KFintech) के माध्यम से पॉज सुविधा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से आवेदन कर सकते हैं।

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  • शिक्षामित्र को धमकाने में मुकदमा दर्ज, पढिए पूरा मामला

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    ठाकुरद्वारा: कोतवाली क्षेत्र के सुरजन नगर पुलिस चौकी क्षेत्र के गांव बालापुर में शिक्षामित्र shikshamitra को धमकने में पुलिस police ने आरोपी पर केस दर्ज किया है। बालापुर निवासी शिक्षामित्र बबीता पत्नी संजय चौहान ने पुलिस को बताया कि गांव के अजय ने अपनी बेटी को पीटने का आरोप लगाते हुए घर पहुंचकर गाली गलौज की।साथ ही शिक्षामित्र shikshamitra को गोली मारने की धमकी दी।

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    आरोपी ने धमकाया कि वह अपने बूढ़े और अंधे खुद हत्या कर उसे मुकदमे में फंसा देगा। बबीता का कहना है कि उसने अजय की बेटी की पिटाई नहीं की थी। अजय ने शराब पीकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस police में अजय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

     

  • हाईकोर्ट ने शिक्षक के निलंबन पर लगाई रोक, दूसरी शादी करने की शिकायत पर BSA ने की थी कार्रवाई

    हाईकोर्ट ने शिक्षक के निलंबन पर लगाई रोक, दूसरी शादी करने की शिकायत पर BSA ने की थी कार्रवाई

    हाईकोर्ट ने शिक्षक के निलंबन पर लगाई रोक, दूसरी शादी करने की शिकायत पर BSA ने की थी कार्रवाई

    हाईकोर्ट HC ने शिक्षक के निलंबन पर अगले आदेश तक रोक लगा बीएसए BSA से जवाब मांगा है। कहा है कि चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करें। यह आदेश अजय भनोट की अदालत ने घनश्याम दास यादव की याचिका पर दिया है।प्रयागराज निवासी शिक्षक घनश्याम दास यादव की पहली पत्नी ने बीएसए BSA को शिकायती पत्र देकर दूसरी शादी करने का आरोप लगाया था। इस पर बीएसए BSA ने 28 जून 2024 को आदेश जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया।

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    शिक्षक ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। वकील हिमांशू गोस्वामी, प्रभाकर अवस्थी ने दलील ने दी कि पहली पत्नी ने याची की दूसरी शादी के 30 साल व उसकी नियुक्ति के 24 साल बाद शिकायत की।प्रयागराज निवासी शिक्षक घनश्याम दास यादव की पहली पत्नी ने बीएसए BSA को शिकायती पत्र देकर दूसरी शादी करने का आरोप लगाया था। इस पर बीएसए BSA ने 28 जून 2024 को आदेश जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया। शिक्षक ने इस आदेश को हाईकोर्ट HC में चुनौती दी है। वकील हिमांशू गोस्वामी,प्रभाकर अवस्थी ने दलील ने दी कि पहली पत्नी ने याची की दूसरी शादी के 30 साल year व उसकी नियुक्ति के 24 साल बाद शिकायत की।

    याची अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है। सेवाकाल में उसका कार्य एवं प्रदर्शन अच्छा रहा है। याची को यूपी सरकारी सेवक आचरण नियमावली के तहत निलंबित कर दिया गया है। यूपी बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियम के प्रावधान विभागीय अधिकारियों को द्विविवाह को माफ करने का विवेक देता है। अन्य कई दलीलें देते हुए निलंबन आदेश पर को रद्द करने की प्रार्थना की। इस पर न्यायालय ने बीएसए BSA के आदेश पर अगले आदेश तक रोक लगाते हुए कहा कि यह मामला विचारीय है।

  • Teacher diary Today : दिनांक 11 नवम्बर , 2024 कक्षा- 01, 02, 03, 04, 05 की भरी हुई शिक्षक डायरी , देखें

    Teacher diary Today : दिनांक 11 नवम्बर , 2024 कक्षा- 01, 02, 03, 04, 05 की भरी हुई शिक्षक डायरी , देखें

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