उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टीचर्स के लिए अनिवार्य हुआ यह काम, नहीं किया तो होगी कार्रवाई

By Ravi Singh

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उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टीचर्स के लिए अनिवार्य हुआ यह काम, नहीं किया तो होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टीचर्स के लिए अनिवार्य हुआ यह काम, नहीं किया तो होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश Uttar pradesh की योगी आदित्यनाथ सरकार government ने राज्य के परिषदीय स्कूलों school में शिक्षकों का फोटो फ्रेम लगाने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक इसका पालन नहीं हुआ है. सरकार government ने सभी स्कूलों School में ‘हमारे शिक्षक’ नाम से एक फोटो फ्रेम लगाने को कहा था, जिससे स्कूल में काम कर रहे स्टाफ और शिक्षकों teacher की जानकारी आसानी से मिल सके. इसके लिए सरकार government ने प्रति शिक्षक 150 रुपये की धनराशि मार्च महीने में ही जारी कर दी थी

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टीचर्स के लिए अनिवार्य हुआ यह काम, नहीं किया तो होगी कार्रवाई

निर्देश का अब तक पालन नहीं

शिक्षकों teacher को पैसे मिलने के बावजूद, कई स्कूलों School में अब तक फोटो फ्रेम नहीं लगाए गए हैं. सरकार ने इसके लिए बार-बार जिलों को चिट्ठी भी भेजी, लेकिन अभी तक जिलों से इस कार्य की पूरी जानकारी information नहीं मिल पाई है. स्थिति को देखते हुए अब उन स्कूलों school पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है, जिन्होंने आदेश का पालन नहीं किया है

फोटो फ्रेम का उद्देश्य

इस योजना yojna का मुख्य उद्देश्य यह था कि निरीक्षण के दौरान शिक्षकों teacher की पहचान आसानी से हो सके और स्कूल में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के बारे में जानकारी मिल सके. इससे अभिभावक भी शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता और उपलब्धियों के बारे में जान सकते हैं

भेजी गई धनराशि

प्रत्येक शिक्षक, शिक्षा मित्र, और अनुदेशक के लिए 150-150 रुपये की राशि हर स्कूल को भेजी गई थी. मार्च के महीने में कुल 11.26 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, और 20 मार्च तक सभी स्कूलों School में फोटो फ्रेम लगाने का आदेश था. फ्रेम में शिक्षक का नाम, शैक्षिक योग्यता, उपलब्धि, स्कूल में नियुक्ति की तारीख, आवंटित विषय और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी शामिल करने का निर्देश था

कार्रवाई की चेतावनी

सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों BSA से इस काम के बारे में जानकारी मांगी गई है. धनराशि जारी होने के सात महीने बीत जाने के बावजूद अगर कोई स्कूल school अब भी इस निर्देश का पालन नहीं करता, तो उन स्कूलों School के प्रधानाध्यापकों headmaster को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. निर्देश का पालन न करने वाले स्कूलों पर आगे कार्रवाई भी हो सकती है

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