माताओं ने रखा पुत्रों की दीर्घायु (long life) सुख-समृद्धि,  लिए जीवित्पुत्रिका व्रत

माताओं ने रखा पुत्रों की दीर्घायु (long life) सुख-समृद्धि,  लिए जीवित्पुत्रिका व्रत

 

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माताओं ने रविवार को जीवित्पुत्रिका व्रत रख पुत्र की लंबी आयु की कामना की। तिल का तेल व खली से पूर्वज महिलाओं का तर्पण किया। सोमवार को खर करने के बाद पारण कर व्रत पूरा करेंगीं।

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जीउतिया व्रत की शुरुआत भोर में व्रती महिलाएं उठकर सतपुतिया की सब्जी, दही, चूड़ा, खांड चिल्हो सियार और जीउतबंधन महाराज को चढ़ाया। बचे हुए भाग को खाकर व्रत की शुरुआत कि। कुछ महिलाओं ने इसके बाद चाय भी लिया। पूरे दिन बिना कुछ खाए पिए व्रत रहीं। शाम को घर के पूर्वज महिलाओं को तिल व खली सतपुतिया के पत्ते पर रखकर कर तर्पण किया। इसके बाद अपने बालों में खली व तेल लगाकर स्नान करतीं हैं।

बरियार के पौधे के पास जाकर पूजन किया। बरियार से अपने पुत्र के बली होने व लंबी आयु ( son’s procreation and long life) की कामना बरियार से करते हुए कहा… ए अरियार का बरियार, राजा रामचंद्र से जाके कहिह समझाय, मारी अईह, मरा जनि अइह, रैन जीत घरे अइह।

सोमवार को करेंगी खर (Will do it on Monday)

जीउतिया व्रत रहकर महिलाएं खर करेंगी। इसके बाद तरोई के पत्ते पर नया चिउड़ा, कच्चा दूध, खांड़, उड़द, जल, शहद स्वर्गवासी सास, दादी सास, नानी सास को अर्पित करेंगी। बचे हुए हिस्से को खाकर पारण कर व्रत पूरा करेंगीं।

पैकौली कुटी पर महिलाओं ने की जीवित्पुत्रिका व्रत पूजा

जीवितपुत्रिका व्रत के अवसर पर पैकौली कुटी पर महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी। महिलाएं कुटी के प्राचीन पोखरे में स्नान कर बरियार के पौधे से भेंटकर अपने पुत्रों के लंबी आयु की कामना कीं। इसके बाद महिलाएं कुटी के गर्भ गृह में ठाकुर जी का दर्शन पूजन भी कीं। कुटी पर दूर दराज से महिलाएं विभिन्न साधनों और पैदल कुटी पर पहुंचकर स्नान ध्यान किया।

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