Contract Employee Regularization News : इस राज्य में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को मंजूरी.. दो हफ्ते के अंदर हो जाएंगे परमानेंट, सरकार ने शुरू कर दी पक्की नौकरी देने की तैयारी
चंडीगढ़: अस्थाई कर्मचारियों karmchariyon के नियमितीकरण को लेकर एक बड़ी खबर breking news सामने आई है जिसे जानकर कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ उठेगी। हरियाणा में अस्थाई कर्मचारियों की नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू हो रही है।सरकार government ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जानकारी information दी है कि इन कर्मचारियों को दो सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे।
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मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा वित्त विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंजूरी दे दी गई है। सीएम CM नायब सिंह सैनी के निर्देश पर अस्थायी कर्मचारियों karmchariyon के नियमितीकरण की प्रक्रिया को हरी झंडी मिल चुकी है। इस दौरान वित्तीय लाभ भी मिलेंगे और इन कर्मचारियों को पक्की नौकरियां jobs दी जाएंगी।
Contract Employee Regularization News : यह जानकारी प्रदेश सरकार government ने अस्थायी कर्मचारियों karmchariyon द्वारा दायर अवमानना याचिका के जवाब में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट HC में यह जानकारी दी है। सरकार government के जवाब के बाद मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस हरकेश मनुजा ने स्पष्ट किया कि यदि हरियाणा सरकार government द्वारा उपरोक्त अवधि के भीतर आवश्यक कार्यवाही नहीं की जाती है तो याचिकाकर्ता वर्तमान अवमानना याचिका पर दोबारा सुनवाई करने की मांग करने के लिए स्वतंत्र होंगे और ऐसी स्थिति में संबंधित अधिकारी मुकदमेबाजी के खर्च के लिए प्रत्येक याचिकाकर्ता को 50 हजार रुपये की राशि अपनी जेब से देने के लिए उत्तरदायी होंगे।
याचिकाकर्ताओं ने राज्य में 20 साल से अधिक समय से कार्यरत ऐसे सभी अस्थायी कर्मचारियों karmchariyon को नियमित करने के लिए हाई कोर्ट HC द्वारा 13 मार्च को पारित आदेश को लागू नहीं करने के लिए मुख्य सचिव हरियाणा के खिलाफ न्यायालय की अवमानना अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के निर्देश मांगे थे।
राज्य सरकार ने नियमितीकरण को दी मंजूरी
हाई कोर्ट HC ने यमुनानगर निवासी ओमप्रकाश व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया था कि जब राज्य सरकार government ने अस्थायी कर्मचारियों को उस पद पर सेवा जारी रखने की अनुमति दे दी है जिस पर उन्हें नियुक्त किया गया था, तो इसे यह नहीं माना जा सकता कि संबंधित पद के लिए कोई नियमित कार्य नहीं है।
कोर्ट court ने स्पष्ट किया कि जब कोई कर्मचारी karmchari एक दशक से अधिक समय तक काम कर चुका है और उस पद का कार्य मौजूद है, तो राज्य का यह कर्तव्य है कि वह पद सृजित करे ताकि उक्त कर्मचारी को सेवा में बने रहने की अनुमति दी जा सके। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते, राज्य को अपने कर्मचारियों karmchariyon की देखभाल करनी चाहिए और ऐसे निर्णय नहीं लेने चाहिए जो कर्मचारियों karmchariyon के नियमितीकरण के दावे को खारिज कर सकें।
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