Category: Primary Ka Master

  • PARAKH APP Download Link: NAT एवं NAS परीक्षा हेतु परख App यहां से करें डाउनलोड

    PARAKH APP Download Link: NAT एवं NAS परीक्षा हेतु परख App यहां से करें डाउनलोड

    PARAKH APP Download Link: NAT एवं NAS परीक्षा हेतु परख App यहां से करें डाउनलोड

    PARAKH APP Download Link: महत्वपूर्ण : प्रत्येक विद्यालय कृपया विशेष ध्यान दें : – 👉NAT एवं NAS परीक्षा हेतु परख App यहां से करें डाउनलोड

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    महत्वपूर्ण कृपया ध्यान दे –

    25 नवम्बर 2024 को होने वाले NAT परीक्षा मे OMR Sheet की स्कैनिंग परख एप्प से की जानी है। एप्प पर छात्र संख्या कम प्रदर्शित होने की समस्या का समाधान किया जा चुका है।

    परीक्षा मे किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए विद्यालय के सभी शिक्षक परख एप्प को download कर ले। साथ ही साथ सुनिश्चित हो ले कि कक्षावार छात्रों के नामांकन के सापेक्ष एप्प पर छात्र प्रदर्शित हो रहे।

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  • प्रधानाध्यापक पद पर मिला फर्जी शिक्षक,सेवा समाप्त

    प्रधानाध्यापक पद पर मिला फर्जी शिक्षक,सेवा समाप्त

    प्रधानाध्यापक पद पर मिला फर्जी शिक्षक,सेवा समाप्त

    बस्ती। बेसिक शिक्षा विभाग में फिर फर्जी शिक्षक की तैनाती का मामला सामने

    आया है। हर्रेया ब्लॉक के मुकुंदपुर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात शिक्षक रामजी सिंह जांच में फर्जी निकला। विभाग ने उसकी सेवा समाप्त कर दी है।

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    वर्ष 2010 में खुद रामजी सिंह बनकर सहायक अध्यापक पर एक शख्स ने अपना चयन करा लिया। उसके सभी प्रपत्र राजी सिंह के नाम से विभाग में जमा हुए। 14 साल फर्जी दस्तावेज पर नौकरी चलती रही। वर्तमान मे मुकुंदपुर प्राथमिक विद्यालय पर संबंधित शख्स प्रधानाध्यापक पद तैनात भी रहा। विभागीय छानबीन में पता चला कि यहां शिक्षक पद पर तैनात रामजी सिंह असली नहीं है।

    वास्तविक रामजी सिंह जनपद चंदौली का रहने वाला है और वह प्राइवेट नौकरी में है। इसी के बाद विभाग ने फर्जी शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी। बीएसए ने तथाकथित शिक्षक के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश दिया है। कहा कि संबंधित शख्स से वेतन की रिकवरी कराई जाएगी। यदि विभाग और कोई शिक्षक संदिग्ध प्रतीत हो रहा है तो उसकी गोपनीय ढंग से शिकायत की जाए। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी

  • मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिला शिक्षक निलंबित

    मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिला शिक्षक निलंबित

    मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिला शिक्षक निलंबित

    अमेठी सिटी। एक परिषदीय स्कूल में मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिले शिक्षक को निलंबित कर दूसरे स्कूल में संबद्ध कर दिया गया है, वहीं इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक को अनियमितता का नोटिस देकर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। यह खामियां खंड शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में मिली हैं

    मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिला शिक्षक निलंबित

    मुसाफिरखाना विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार सिंह ने बताया कि पांच नवंबर को उन्होंने विद्यालय में निरीक्षण किया तो मौके पर गंभीर अनियमितताएं मिलीं। विद्यालय के शिक्षक मकसूद आलम मेज पर पैर फैलाकर कुर्सी पर मोबाइल फोन चलाते मिले। वहीं विद्यालय के बच्चे बाहर फील्ड में घूमते देखे गए। खंड शिक्षा अधिकारी ने इसे आचरण नियमावली के विरुद्ध बताते हुए निलंबन की संस्तुति की है, जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय तिवारी की ओर से आदेश जारी कर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

    विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक समरजीत पर अनियमितता का आरोप लगाया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने आख्या में लिखा है कि विद्यालय में उपस्थिति पंजिका नहीं बनाई गई। परिसर में गंदगी व घास-फूस का अंबार लगा था। सत्र 2023-24 में प्राप्त कंपोजिट ग्रांट 50 हजार में से एक कुर्सी, मेज की खरीद व विद्यालय भवन की सफेदी मात्र कराई गई। आरोप लगाया कि शेष धनराशि का दुरुपयोग किया गया। बीएसए संजय तिवारी ने प्रभारी प्रधानाध्यापक को बीएसए कार्यालय में उपस्थित होकर नोटिस का लिखित जवाब देने के लिए कहा है।

  • प्रभारी शिक्षक द्वारा अश्लील हरकतें करने की आयोग में शिकायत

    प्रभारी शिक्षक द्वारा अश्लील हरकतें करने की आयोग में शिकायत

    प्रभारी शिक्षक द्वारा अश्लील हरकतें करने की आयोग में शिकायत

    गोंडा के परिषदीय विद्यालय की दो शिक्षिकाओं ने महिला आयोग में इंचार्ज अध्यापक के खिलाफ अश्लील हरकतें करने की शिकायत की है।

    जिले में 50 से कम छात्र संख्या वाले चार सौ से ज्यादा स्कूल

    इस संबंध में BSA से लेकर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा तक से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई
    नहीं हुई। आयोग सदस्य रितु शाही ने शिक्षिकाओं को कार्यवाही के लिए आश्वस्त किया है।

  • 69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार 12 नवंबर को होगी। यह सुनवाई 15 नवंबर को प्रस्तावित थी।

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    सुनवाई पहले होने के कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को बैठक कर आगे की रणनीति बनाई। साथ ही उम्मीद जताई कि उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अक्तूबर से चल रहा है। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने इस मामले की एक सुनवाई हुई है।

    इसके बाद से इस पर डेट लग रही है। दिवाली से पहले इस मामले में अगली तिथि 15 नवंबर को प्रस्तावित हुई थी। किंतु अब यह 12 नवंबर को ही लग गई है। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप व प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह ने बैठक में कहा कि वह 2020 से इस मामले की लड़ाई लड़ रहे हैं।

  • छात्रों की मांग पर बदले नियम, मंशा पर न करें संशय, नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

    छात्रों की मांग पर बदले नियम, मंशा पर न करें संशय, नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

    छात्रों की मांग पर बदले नियम, मंशा पर न करें संशय, नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

    प्रयागराज,। पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) को लेकर आंदोलित छात्रों से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विरोध खत्म करने की अपील की है। आयोग के सचिव अशोक कुमार का कहना है कि छात्रों की मांग पर ही शासन ने परीक्षा संबंधी नियमावली में बदलाव किया है।

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    आरओ/एआरओ 2023 में पेपरलीक के बाद छात्रों ने आयोग के सामने प्रदर्शन कर मांग रखी थी कि निजी स्कूल-कॉलेजों को केंद्र न बनाया जाए और परीक्षा केंद्रों की दूरी अधिक न हो। उनकी मांगों पर ही राजकीय और एडेड कॉलेजों को केंद्र बनाया जा रहा है और दूरी दस किमी रखी गई है। रही बात मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) की तो यह सामान्य प्रक्रिया है और अधिकांश परीक्षाओं में इसे किया जा रहा है। आयोग ने भी विशेषज्ञों से फॉर्मूले पर राय ली है। कंप्यूटर से होने वाले मानकीकरण में किसी तरह के हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं है।

    आयोग का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के बीते सात नवम्बर के आदेश के अनुसार यदि विज्ञापन, भर्ती एवं चयन संबंधी किसी बिन्दु पर मौन है तो उससे संबंधित सक्षम प्राधिकारी चयन के लिए अभ्यर्थियों की शार्टलिस्टिंग के उद्देश्य से यथा आवश्यक प्रशासनिक एवं व्यवस्थागत प्रक्रिया निर्धारित व लागू कर सकते हैं। आयोग भी उसी क्रम में प्रक्रिया अपना रहा है।

    परीक्षाओं के संबंध में अभ्यर्थियों ने आयोग को पत्र भेजकर बताया है कि कुछ टेलीग्राम चैनल एवं यू-ट्यूबर्स परीक्षा को टलवाने की साजिश कर रहे हैं। ये चैनल परीक्षा के मानकीकरण को लेकर भ्रम फैला रहे हैं और अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहे हैं। अनेक अभ्यर्थी जिनके लिए यह परीक्षा और समय दोनों ही बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, आयोग के इस निर्णय का समर्थन करते हैं। सरकार एवं आयोग मंशा छात्र हितों को संरक्षित करना एवं मेरिट के आधार पर चयन सुनिश्चित करना है। चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी एवं छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। इस संबंध में अभ्यर्थियों को सभी आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है।

    नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

    आयोग ने साफ किया है कि मानकीकरण के संदर्भ में आयोग अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है और जिसको भी उसके संदर्भ में कोई सुधार-सुझाव और बेहतर व्यवस्था हो, वह अभ्यर्थी दे सकते हैं। सभी सुझावों को प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगी और जो शुचिता गुणधर्मिता, अभ्यर्थियों के हित में आवश्यक होगा, उसका पालन किया जाएगा।

  • UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

    UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

    UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

    प्रयागराज के जिस उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से लाखों प्रतियोगी छात्रों की उम्मीदें बंधी होती हैं, वही आयोग छात्रों के ही निशाने पर है। यूपीपीसीएस (UPPCS) और आरओ/एआरओ (RO ARO) की प्रारंभिक परीक्षा में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) के विरोध में इतना बड़ा धरना प्रदर्शन हो रहा है कि लोगों को 2013 के त्रिस्तरीय आंदोलन की याद ताजा हो गई है। इससे पहले 2013 में लोक सेवा आयोग के त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव के विरोध में इतनी बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र सड़कों पर उतर आए थे।

    UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन
    उस समय आयोग ने चुपके से 27 मई 2013 को एक प्रस्ताव पारित कर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की रिक्तियों पर अन्य वर्ग के छात्रों को वरीयता देने को मंजूरी दे दी थी। पहले अंतिम चयन में आरक्षण लागू होता था लेकिन नए नियम में मुख्य परीक्षा से ही मनमाने तरीके से आरक्षण लागू कर दिया गया था। इस कारण साक्षात्कार में सामान्य वर्ग के छात्रों का अवसर कम हो गया था।

    पूर्व के नियम के मुताबिक, पीसीएस 2011 के इंटरव्यू में सामान्य वर्ग के 189 पदों के सापेक्ष साढ़े तीन गुना अभ्यर्थियों को बुलाया जाना चाहिए था। लेकिन, पांच जुलाई 2013 को घोषित पीसीएस 2011 मुख्य परीक्षा के परिणाम में ऐसा नहीं हुआ। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अधिक संख्या में चुन लिए गए हैं। इसके खिलाफ छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा था। इसके विरोध में छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की थीं। हालांकि हाईकोर्ट से आदेश आने के पहले ही आयोग ने 26 जुलाई को अपना प्रस्ताव वापस लेकर संशोधित परिणाम जारी कर दिया था। इस आंदोलन में प्रतियोगी छात्रों की ही जीत हुई थी।

    मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) का विरोध कर रहे राजन तिवारी का कहना है कि पहले हम अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से आयोग के समक्ष रखेंगे। वहां सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे और वहां भी न्याय नहीं मिला तो अंत में न्यायालय की शरण में जाएंगे। गौरतलब है कि आरओ/एआरओ 2023 की 11 फरवरी को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का पेपरलीक होने के बाद भी हजारों अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त करने के लिए आयोग का घेराव किया था।

  • आधार से फोन नंबर लिंक नहीं तो बायोमीट्रिक सत्यापन करें

    आधार से फोन नंबर लिंक नहीं तो बायोमीट्रिक सत्यापन करें

    आधार से फोन नंबर लिंक नहीं तो बायोमीट्रिक सत्यापन करें

    लखनऊ: केंद्र सरकार ने 70 साल या उससे अधिक आयु वाले सभी बुजुर्गों को पांच लाख तक सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा दी है। इस सुविधा को पाने का एकमात्र दस्तावेज आधार कार्ड है। उसमें अंकित जन्मतिथि के आधार पर ही उम्र निर्धारण होना है। योजना का लाभ पाने वालों के लिए केवाईसी जरूरी है।

    Aadhaar card with mobile number

    आवेदन करने पर ओटीपी उसी मोबाइल नंबर पर आता है, जो आधार से लिंक है। मगर 70 पार वाले बड़ी संख्या में बुजुर्गों के पास मोबाइल ही नहीं है। ऐसे में योजना का लाभ पाने को उन्हें बायोमीट्रिक कराना होगा। पहली बार इन बुजुर्गों का डाटा भी सामने आया है।

    केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना में किए गए विस्तार के तहत 70 पार वालों को बिना किसी बैरियर के योजना में शामिल किया है। केंद्र ने इसकी गाइड लाइन जारी कर दी है। इसके अनुसार यूपी में 70 साल या उससे अधिक आयु वाले बुजुर्गों की संख्या 89 लाख 6 हजार 369 है। इसमें 66 लाख 71 हजार 437 परिवार शामिल हैं, जिनमें यह बुजुर्ग हैं। इसमें योजना में पहले से शामिल 23 लाख से अधिक परिवारों के 30 लाख 13 हजार 782 बुजुर्ग भी शामिल हैं ।

    70 बुजुर्गों के पास मोबाइल नहीं या नंबर लिंक नहीं

    अब सवाल यह है कि इन 89 लाख से अधिक बुजुर्गों में से कितनों के पास मोबाइल है और कितनों को मोबाइल नंबर उनके आधार के साथ लिंक है। दरअसल, इनमें से 70 फीसदी से अधिक बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनके पास या तो मोबाइल नंबर नहीं है और यदि है भी तो वो आधार से जुड़ा हुआ नहीं है। ऐसे में इन बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए बायोमीट्रिक कराना होगा। इसके लिए उन्हें अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाना होगा। केवाईसी होते ही उनका फोटो अपलोड हो जाएगा और आयुष्मान कार्ड बन जाएगा।

    ● आयुष्मान योजना का लाभ पाने के लिए आधार ही एकमात्र दस्तावेज

    ● 70 साल वालों का पहली बार आंकड़ा जारी, 89 लाख संख्या अनुमानित

  • यूपी में बेहिसाब संपत्तियां लेने वालों का ब्योरा तलब

    यूपी में बेहिसाब संपत्तियां लेने वालों का ब्योरा तलब

    यूपी में बेहिसाब संपत्तियां लेने वालों का ब्योरा तलब

    लखनऊ, । ललितपुर में आठ प्रदेशों के हजारों निवेशकों का अरबों रुपये लेकर फरार हुई चिटफंड कंपनी एलयूसीसी के डायरेक्टरों ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की जमीनें खरीद डाली थी। इतना ही नहीं भोपाल व इंदौर में 400-400 कमरों का होटल भी बनवाया। ललितपुर पुलिस की पड़ताल में यह सब सामने आया है। वहां की पुलिस ने ईडी को इस बारे में जानकारी दी है। ईडी इस मामले में पिछले महीने एफआईआर दर्ज कर चुका है।

     

    फरार चल रहे कंपनी के संचालक समीर अग्रवाल पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है। इस कंपनी ने पहला कार्यालय ललितपुर में खोला था। इसने निवेशकों को कम समय में दोगुना राशि करने और कई अन्य लुभावनी स्कीम दिखाकर रुपये जमा कराने शुरू कर दिए थे। कुछ समय बाद ही कंपनी के संचालक समीर अग्रवाल ने मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान समेत आठ प्रदेशों में कई ब्रांच खोल दी।

    दुबई तक में इस कंपनी ने कारोबार शुरू कर दिया था। इसके बाद ही सैकड़ों निवेशक इसके जाल में फंसते गए और अरबों रुपये कंपनी के खातों में जमा हो गए। कंपनी के फरार होने पर ही डीआईजी झांसी द्वारा गठित एसआईटी ने जांच शुरू की थी।

    एलयूसीसी के निदेशकों ने 100 करोड़ की जमीनें खरीदीं

    लखनऊ। लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में बड़े-बड़े भूखण्ड व जमीनें खरीदने वाले प्रभावशाली लोग बेनामी सम्पत्ति की जांच के दायरे में आ गये हैं। पिछले 16 वर्षों में जिन्होंने भी बड़े प्लॉट व ज्यादा जमीनें खरीदी हैं उन सभी की जांच शुरू हुई है।

    आयकर विभाग की बेनामी सम्पत्ति इकाई ने जिलाधिकारियों, विकास प्राधिकरण उपाध्यक्षों, आवास आयुक्त से एक जनवरी 2008 से एक नवम्बर 2024 तक एक हजार वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट व जमीनें खरीदने वालों की सूची तत्काल मांगी है। निजी व कम्पनी दोनों के नाम खरीदी गयी सम्पत्तियों का ब्योरा मांगा गया है। प्रतिबंधित बेनामी सम्पत्ति ट्रांजेक्शन एक्ट 1988 के तहत इनके खिलाफ जांच शुरू हुई है। इसमें कई बड़े अफसरों, मंत्रियों, विधायकों, बिल्डरों तथा नवधनाड्य व्यावसायियों की गर्दन फंसती नजर आ रही है।

    लखनऊ,नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, कानपुर और वाराणसी जैसे बड़े जिलों तक जांच की आंच पहुंच रही है।

    आयकर विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसमें कालेधन के इस्तेमाल की जानकारी हुई है। बेनामी सम्पत्ति निषेध इकाई के आईआरएस अफसर व डिप्टी कमिश्नर आलोक सिंह ने पांच नवम्बर 2024 को नोटिस भेजकर जांच शुरू होने की जानकारी दी है।

  • कक्षा तीन में अब वीणा, गणित मेला, सितार व संतूर पढ़ेंगे बच्चे, इस पुस्तकों का बदलेगा नाम

    कक्षा तीन में अब वीणा, गणित मेला, सितार व संतूर पढ़ेंगे बच्चे, इस पुस्तकों का बदलेगा नाम

    कक्षा तीन में अब वीणा, गणित मेला, सितार व संतूर पढ़ेंगे बच्चे, इस पुस्तकों का बदलेगा नाम

    प्रयागराजः बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा तीन के विद्यालयों में पढ़ाए जाने विषयों की पुस्तकों का नाम नए सत्र से बदलने की तैयारी है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है।

    जिले में 50 से कम छात्र संख्या वाले चार सौ से ज्यादा स्कूल

    राज्य शिक्षा संस्थान ने हिंदी, गणित, पर्यावरण और उर्दू विषय की राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों का प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में कस्टमाइजेशन किया है, जबकि अंग्रेजी विषय की पुस्तक का कस्टमाइजेशन आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान ने किया है। हिंदी की पुस्तक वीणा-1, गणित की गणित मेला, पर्यावरण की हमारा की सितार और अंग्रेजी विषय की पुस्तक संतूर नाम से जानी जाएगी

    बेसिक स्कूलों में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों का कक्षावार उपयोग धीरे-धीरे किया जा रहा है। कक्षा एक और दो में इन पुस्तकों का उपयोग शुरू हो गया है। अगले सत्र से कक्षा तीन की पुस्तकों में बदलाव किए जाने की दिशा में कार्य तेजी से चल रहा है। इस कड़ी में राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर के निर्देशन में कक्षा तीन की एनसीईआरटी की पुस्तकों का कस्टमाइजेशन कराकर उपलब्ध हो सकें।

    हिंदी, गणित, पर्यावरण, उर्दूव अंग्रेजी विषय की पुस्तकों का बदलेगा नाम

    राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भेज दिया गया है। इसमें विषयवार पुस्तकों का नाम एनसीईआरटी के पैटर्न पर रखा गया है। वर्तमान में बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा तीन में हिंदी की पुस्तक पंखुड़ी नाम से चलती है। इसी तरह गणित की पुस्तक का नाम अंकों का जादू, मानवन्द्र नाम हमारा परिवेश, उर्दू की पुस्तक का नाम उर्दू जबां तथा अंग्रेजी की पुस्तक का नाम रेनबो है। इसके विपरीत संस्कृत विषय की पुस्तक पूर्व की तरह संस्कृत पीयूषम् के नाम से चलेगी। एनसीईआरटी द्वारा विकसित पाठ्यपुस्तकों में संस्कृत विषय का समावेश नहीं होने से इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। कस्टमाइज की गई पुस्तकों में संशोधन होने पर एससीईआरटी के निर्देशन में किया जाएगा। उसके बाद पुस्तक की प्रिंटिंग कराई जाएगी, ताकि नए सत्र में विद्यार्थियों को पुस्तकें समय से उपलब्ध हो सकें।