UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

By Ravi Singh

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UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

प्रयागराज के जिस उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से लाखों प्रतियोगी छात्रों की उम्मीदें बंधी होती हैं, वही आयोग छात्रों के ही निशाने पर है। यूपीपीसीएस (UPPCS) और आरओ/एआरओ (RO ARO) की प्रारंभिक परीक्षा में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) के विरोध में इतना बड़ा धरना प्रदर्शन हो रहा है कि लोगों को 2013 के त्रिस्तरीय आंदोलन की याद ताजा हो गई है। इससे पहले 2013 में लोक सेवा आयोग के त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव के विरोध में इतनी बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र सड़कों पर उतर आए थे।

UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन
उस समय आयोग ने चुपके से 27 मई 2013 को एक प्रस्ताव पारित कर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की रिक्तियों पर अन्य वर्ग के छात्रों को वरीयता देने को मंजूरी दे दी थी। पहले अंतिम चयन में आरक्षण लागू होता था लेकिन नए नियम में मुख्य परीक्षा से ही मनमाने तरीके से आरक्षण लागू कर दिया गया था। इस कारण साक्षात्कार में सामान्य वर्ग के छात्रों का अवसर कम हो गया था।

पूर्व के नियम के मुताबिक, पीसीएस 2011 के इंटरव्यू में सामान्य वर्ग के 189 पदों के सापेक्ष साढ़े तीन गुना अभ्यर्थियों को बुलाया जाना चाहिए था। लेकिन, पांच जुलाई 2013 को घोषित पीसीएस 2011 मुख्य परीक्षा के परिणाम में ऐसा नहीं हुआ। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अधिक संख्या में चुन लिए गए हैं। इसके खिलाफ छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा था। इसके विरोध में छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की थीं। हालांकि हाईकोर्ट से आदेश आने के पहले ही आयोग ने 26 जुलाई को अपना प्रस्ताव वापस लेकर संशोधित परिणाम जारी कर दिया था। इस आंदोलन में प्रतियोगी छात्रों की ही जीत हुई थी।

मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) का विरोध कर रहे राजन तिवारी का कहना है कि पहले हम अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से आयोग के समक्ष रखेंगे। वहां सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे और वहां भी न्याय नहीं मिला तो अंत में न्यायालय की शरण में जाएंगे। गौरतलब है कि आरओ/एआरओ 2023 की 11 फरवरी को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का पेपरलीक होने के बाद भी हजारों अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त करने के लिए आयोग का घेराव किया था।

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