शिक्षकों की करतूत हो गई वायरल, विभाग में मची खलबली; BSA तक पहुंचा मामला- तुरंत जांच के आदेश जारी
सहारनपुर। अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल में शिक्षकों teacher के बीच हो रहे विवाद में नियुक्ति के लिए लाखों के लेनदेन का इंटरनेट मीडिया internet social पर आडियो प्रसारित हो रहा है।मामला सामने आने के बाद विभाग में खलबली मची है। उधर, बीएसए का कहना है कि मामले की जांच को बीईओ BEO की दो सदस्यीय कमेटी बनाई जा रही है।
ग्राम खिड़का भटकवा निवासी नजाकत खान ने बीएसए BSA कोमल को भेजे पत्र में जूनियर हाईस्कूल में हुए घालमेल की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि आडियो में दो शिक्षकों teacher बीच हो रही बातचीत में कहा जा रहा है कि स्कूल के संबद्ध प्राइमरी अनुभाग में छह शिक्षिकाओं से 25-25 लाख लिए जाने की बात स्वीकारी गई है। इस धनराशि में से विभागीय अधिकारियों की हिस्सेदारी भी बताई जा रही है।
बीएसए से आरोपितों को निलंबित करने की मांग
आरोप लगाया कि इस मिलीभगत में प्रबंधक, प्रधानाध्यापिका और सहायक अध्यापक शामिल हैं। नजाकत खान ने बीएसए BSA से आरोपितों को निलंबित करने और प्रकरण की जांच को निष्पक्ष समिति बनाने की मांग की है। उधर, बीएसए BSA कोमल का कहना है कि प्रथमदृष्टया यह मामला पुराना प्रतीत होता है। जांच के लिए बीईओ BEO की दो सदस्यीय कमेटी बनाई जा रही है।
नहीं चलेगी मनमानी, टोल फ्री नंबर पर दर्ज करें शिकायत
इटावा। परिषदीय विद्यालयों में अब शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की मनमानी नहीं चलेगी। शासन ने शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नंबर जारी कर दिया हैं। ये नंबर विद्यालयों की दीवारों पर अंकित कराए जाएंगे।
जिले में 1484 परिषदीय व कंपोजिट विद्यालय हैं। इनमें एक लाख पांच हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। अभिभावकों की तरफ से समय से शिक्षकों के विद्यालय न आने या देर से विद्यालय खुलने की शिकायत मिलती रहती है। यह भी शिकायत रहती है कि शिक्षक विद्यालय आते ही नहीं हैं। मिड-डे मील में मेन्यू के अनुसार भोजन न मिलने की भी शिकायतें आती रहती हैं। अधिकारियों के निरीक्षण में भी शिक्षक गायब मिलते हैं।
ऐसे में शासन ने टोल फ्री नंबर 18008893277 को विद्यालय की दीवारों पर अंदर व बाहर चस्पा करने और गूगल लिंक पर इसे अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यातायात के सामान्य नियम भी विद्यालयों की दीवारों पर लिखाने के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी परिषदीय व कंपोजिट विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को पत्र जारी किए हैं।
अधिकारियों के अनुसार इस टोल फ्री नंबर पर दर्ज शिकायतों को रिकार्ड किया जाएगा। जांच के लिए कमेटी गठित होगी। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। शिक्षकों के देरी से पहुंचने के अलावा मिड-डे मील में गुणवत्तापूर्ण भोजन न मिलने की भी शिकायतें टोल फ्री नंबर पर दर्ज कराई जा सकती हैं। बीएसए डॉ.राजेश कुमार ने बताया कि टोल फ्री नंबर के संबंध में जो दिशा-निर्देश आए है, वो संबंधित प्रधानाचार्यों को भेज दिए जाएंगे।
शिक्षकों की करतूत हो गई वायरल, विभाग में मची खलबली; BSA तक पहुंचा मामला- तुरंत जांच के आदेश जारी
सहारनपुर। अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल में शिक्षकों teacher के बीच हो रहे विवाद में नियुक्ति के लिए लाखों के लेनदेन का इंटरनेट मीडिया internet social पर आडियो प्रसारित हो रहा है।मामला सामने आने के बाद विभाग में खलबली मची है। उधर, बीएसए का कहना है कि मामले की जांच को बीईओ BEO की दो सदस्यीय कमेटी बनाई जा रही है।
ग्राम खिड़का भटकवा निवासी नजाकत खान ने बीएसए BSA कोमल को भेजे पत्र में जूनियर हाईस्कूल में हुए घालमेल की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि आडियो में दो शिक्षकों teacher बीच हो रही बातचीत में कहा जा रहा है कि स्कूल के संबद्ध प्राइमरी अनुभाग में छह शिक्षिकाओं से 25-25 लाख लिए जाने की बात स्वीकारी गई है। इस धनराशि में से विभागीय अधिकारियों की हिस्सेदारी भी बताई जा रही है।
बीएसए से आरोपितों को निलंबित करने की मांग
आरोप लगाया कि इस मिलीभगत में प्रबंधक, प्रधानाध्यापिका और सहायक अध्यापक शामिल हैं। नजाकत खान ने बीएसए BSA से आरोपितों को निलंबित करने और प्रकरण की जांच को निष्पक्ष समिति बनाने की मांग की है। उधर, बीएसए BSA कोमल का कहना है कि प्रथमदृष्टया यह मामला पुराना प्रतीत होता है। जांच के लिए बीईओ BEO की दो सदस्यीय कमेटी बनाई जा रही है।
प्राप्त सूचना के अनुसार.. *यूडाइस+ पर* कक्षा 2 से 8 तक के स्टूडेंट्स को *SO2 फॉर्म द्वारा ब्लॉक/BRC आईडी से* ऐड करने का ऑप्शन जिलेवार *एक्टिवेट* होना शुरू हो चुका है.. सूचनार्थ प्रेषित
मंत्री का पीए बताकर शिक्षिका को कॉल कर धमकाया, केस
लखनऊ। सहायक अध्यापिका को मंत्री का पीए बनकर कॉल करने और अश्लीलता करने वाले शोहदे के खिलाफ गाजीपुर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। आरोपी पर पीड़िता का पीछा करने का भी आरोप है।`
`मुलायमनगर में रहने वाली महिला चिनहट के पश्चिम गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका है। वह बीएलओ की ड्यूटी भी कर रही हैं। उनके मुताबिक कुछ दिन से राकेश खुद को मंत्री का पीए बताकर शिक्षा विभाग में कॉल कर उनके बारे में जानकारी जुटा रहा है। उनका मोबाइल नंबर भी हासिल कर लिया है। इसकी जानकारी विभाग से मिली।`
Primary ka master: नशे में धुत महिला के साथ रंगरेलिया मना रहे शिक्षक को पुलिस के हवाले किया
सिसवा बाजार। कोठीभार थाना क्षेत्र के एक गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में रात दस बजे के करीब कुछ हलचल देख ग्रामीणों ने कमरे को खोलकर देखा तो एक शिक्षक संदिग्ध परिस्थितियों में नजर आया। उन्हें ग्रामीणों ने पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के विद्यालय से एक वर्ष पूर्व निलंबित कर विकास खंड के दूसरे गांव के विद्यालय में संबद्ध किया गया शिक्षक सोमवार की रात दस बजे के करीब विद्यालय का ताला खोल कर उसमें रंगरेलिया मना रहा था। तभी कुछ ग्रामीणों ने विद्यालय में हलचल होता देख दरवाजा खुलवाया तो मास्टर साहब नशे धुत मिले। ग्रामीणों ने कमरे से किसी महिला के निकल कर भाग जाने की बात बताई।
इस दौरान शिक्षक से इतनी रात को विद्यालय का ताला खोल कर भीतर रहने का कारण पूछा तो वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। ग्रामीणों ने शिक्षक का वीडियो बनाकर 112 पर फोन कर पुलिस को बुलाया और हवाले कर दिया।
आरोपी शिक्षक का कहना है कि पूर्व के विद्यालय का चार्ज अभी मेरे पास है इसलिए कुछ जरूरी पत्रवाली लेने आया था। लोगों ने मुझे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। प्रभारी निरीक्षक अखिलेश ने कहा कि अभी मामले की जांच के क्रम में शिक्षक को थाने लाकर पूछताछ की जा रही है।
खंड शिक्षा अधिकारी बंशीधर सिंह ने बताया कि विद्यालय पर जाकर मामले की जांच की गई है। विभागीय कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है। साथ ही विद्यालय के वर्तमान प्रधानाध्यापक को निर्देशित किया गया है कि वह विद्यालय समिति की बैठक कर रसोईया को मुक्त कर नए रसोइया की नियुक्ति करें।
लखनऊ। आम आदमी पार्टी शिक्षक प्रकोष्ठ ने सरकारी और प्राइवेट सभी शिक्षकों को कैशलेस इलाज सुविधा मुहैय्या कराने की मांग की है। पार्टी की शिक्षक इकाई के प्रादेशिक पदाधिकारियों की शुक्रवार को हुई बैठक में वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली तैयार कराने तथा सेवा सुरक्षा की गारंटी की मांग की गई।
गजब की सूची, परीक्षा केंद्र बनाने में मानकों की खूब उड़ाई धज्जियां
बरेली,यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्रों की अनंतिम सूची चर्चा में बनी हुई है। परीक्षा केंद्र बनाने में मानकों की खूब धज्जियां उड़ाई गईं। स्कूल की क्षमता से अधिक परीक्षार्थी आवंटित होने से प्रधानाचार्य परेशान हैं। कई स्कूलों का केंद्र दूर बनाया गया है। इसके भी बदलाव की आवश्यकता है।
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से 132 अनंतिम केंद्रों की सूची रविवार देर शाम जारी हुई थी। 14 नवंबर तक इनके सापेक्ष आपत्ति और प्रत्यावेदन मांगे गए थे। आपके अपने हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने सूची की खामियों को प्रमुखता से प्रकाशित किया। शुक्रवार से खामियों का निस्तारण शुरू हो गया है। 23 नवंबर तक आपत्तियों का निस्तारण कर परिषदीय कार्यालय को परीक्षा केंद्रों की सूची भेजी जानी है।
गजब की सूची, परीक्षा केंद्र बनाने में मानकों की खूब उड़ाई धज्जियां
केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण हो रहा है। डीआईओएस देवकी सिंह ने पत्र जारी करते हुए कहा कि जिन स्कूलों को अनंतिम सूची में परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किया गया है उनके प्रधानाचार्य और जिन विद्यालयों ने परीक्षा केंद्र बनाए जाने, धारण क्षमता अधिक होने, परीक्षा केंद्र न बनाने को प्रत्यावेदन दिया है उनके प्रधानाचार्य शनिवार को मोबाइल फोन ऑन रखेंगे और मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। संस्था के प्रधानाचार्य की उपस्थिति अनिवार्य है।
डिबार स्कूलों की सूची जारी: यूपी बोर्ड परीक्षा वर्ष 2025 के लिए डिबार किए गए स्कूलों की सूची भी जारी हो गई है। इसमें सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज फरीदपुर है। 23 सितंबर 2022 को परीक्षा समिति की बैठक में इस स्कूल को डिबार किया गया था।
बेटियों का केंद्र आठ किमी दूर
सूरजभान कन्या इंटर कॉलेज राजेंद्र नगर की कक्षा 12 की छात्राओं का केंद्र रेलवे हायर सेकेंडरी स्कूल सुभाष नगर में बनाया गया है। स्कूल ने अपनी आपत्ति में कहा है कि यह केंद्र हमारे यहां से लगभग सात या आठ किलोमीटर दूर है जो नियमानुसार सही नहीं है।
11 कक्ष में कैसे बैठेंगे 789 परीक्षार्थी
जेपीएन इंटर कॉलेज नवाबगंज में हाई स्कूल के 380 और इंटरमीडिएट के 409 कुल 789 परीक्षार्थियों का केंद्र बनाया गया है जबकि स्कूल में 24 से 45 परीक्षार्थियों के बैठने योग्य केवल 11 कक्ष हैं। शेष कक्ष जर्जर हैं। फर्नीचर भी सीमित मात्रा में है। एक पाली में अधिकतम 356 परीक्षार्थियों की परीक्षा हो सकती है।
396 की क्षमता के स्कूल में 1157 का केंद्र
आजाद नौरंग इंटर कॉलेज में एक पाली में अधिकतम 396 छात्र बैठ सकते हैं मगर बोर्ड ने हाईस्कूल के 579 और इंटर के 578 परीक्षार्थियों का केंद्र बनाया है। प्रधानाचार्य का कहना है कि कक्षाओं के सापेक्ष पंजीकृत छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण शुचिता पूर्ण परीक्षा कराना संभव नहीं होगा।
चार जगह बदलना होगा छात्रों को वाहन
श्री रामस्वरूप इंटर कॉलेज परातासपुर के छात्रों का परीक्षा केंद्र लगभग 15 किलोमीटर दूर भेजा गया है। केंद्र तक पहुंचने के लिए छात्रों को 4 से 5 बार वाहन बदलने पड़ेंगे। उसके कारण दुर्घटना और देरी का डर है। प्रधानाचार्य ने आस-पास केंद्र बनाने की मांग की है।
शास्त्रत्त्ी कॉलेज में फर्नीचर की कमी
लाल बहादुर शास्त्रत्त्ी इंटर कॉलेज रिछा में 807 परीक्षार्थियों का केंद्र बनाया गया है। प्रधानाचार्य का कहना है कि विद्यालय में परीक्षार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर नहीं है। इसलिए संख्या कम की जाए ताकि परीक्षा कराने में किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
27 किमी दूर बनाया छात्राओं का केंद्र
लाला सिपट्टर लाल राम बेटी उत्तर माध्यमिक विद्यालय हर्रामपुर बल्लिया ने भी अपनी आपत्ति दी है। यहां की हाईस्कूल की छात्राओं का केंद्र 27 किलोमीटर दूर इस्लामिया इंटर कॉलेज में बनाया गया है। स्कूल ने केंद्र बदलने की मांग की है।
प्रयागराज। यूपी बोर्ड के बनाए गए 7657 परीक्षा केंद्रों के खिलाफ प्रदेश से 7200 आपत्तियां आई हैं। अब जिला स्तरीय केंद्र निर्धारण समिति 23 नवंबर तक इसका निस्तारण करेगी
इसके बाद केंद्रों की अंतिम सूची जारी होगी बोर्ड ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए विद्यालयों में उपलब्ध संसाधन के अनुसार मानक निर्धारित किए हैं। विद्यालयों से 17 से 25 सितंबर तक आवेदन लिए गए थे। इसके बाद तहसील स्तरीय कमेटी ने मानकों की जांच की। जांच के बाद विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर ऑनलाइन केंद्र बनाए। इसमें राजकीय और एडेड विद्यालयों को प्राथमिकता दी गई।
शिक्षकों से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण में रुचि नहीं ले रहे अधिकारी:महानिदेशक ने जताई नाराजगी
लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों व कर्मचारियों से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण में रुचि नहीं ले रहे हैं। हालत यह है कि लखनऊ,अयोध्या समेत कई मंडलों में कुछ मामले तो एक साल से ज्यादा से लंबित हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने अधिकारियों से इस पर नाराजगी जताते हुए लंबित मामलों की एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, शिक्षक-कर्मचारी अपनी सेवा व अन्य चीजों से जुड़ी चीजों के निस्तारण के लिए बीएसए के लिए आवेदन करते हैं। किंतु कई बार अलग-अलग कारणों से वह इसे लंबे समय तक लटकाए रहते हैं। हाल के दिनों में इसकी कई
शिकायतों महानिदेशक कार्यालय में हुई हैं। इसमें कुछ शिकायतें तो एक साल से ज्यादा से लंबित हैं। इसमें अयोध्या मंडल में सर्वाधिक 15 मामले हैं।
इसी तरह अयोध्या, मुरादाबाद, कानपुर, चित्रकूट, प्रयागराज, सहारनपुर, वाराणसी आदि मंडलों में भी 75 से अधिक ऐसे मामले लंबित हैं। इस पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी बीएसए व एडी बेसिक से नाराजगी व्यक्त की है।
साथ ही इस तरह के लंबित मामलों की कारण सहित रिपोर्ट मांगी है। माना जा रहा है कि इसके बाद विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही भी हो सकती है।