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  • UP सरकार के सभी विभागों निगमों में हड़ताल पर लगी रोक

    UP सरकार के सभी विभागों निगमों में हड़ताल पर लगी रोक

    UP सरकार के सभी विभागों निगमों में हड़ताल पर लगी रोक

    ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में विभिन्न विभागों के अभियंताओं- कर्मचारियों के रुख को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी विभागों, निगमों व स्थानीय प्राधिकरणों में हड़ताल पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार के किसी भी विभाग के कार्मिक संगठन अब अगले छह माह तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे।

    राज्य सरकार पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम से जुड़े 42 जिलों की बिजली आपूर्ति को पीपीपी माडल पर निजी हाथों में सौंपने जा रही है। इस संबंध में अगले सप्ताह कैबिनेट से निर्णय होने की उम्मीद जताई जा रही है। निजीकरण का जिस तरह विरोध किया जा रहा है, उससे सरकार को आशंका है कि निजीकरण का निर्णय होते ही ऊर्जा निगमों के अभियंता-कर्मी हड़ताल कर सकते हैं। ऐसे में बिजली आपूर्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने दूसरे नौ विभागों से अभियंता व कार्मिकों की मांग की है। हालांकि, उप्र इंजीनियर्स एसोसिएशन ने सिंचाई विभाग के – अभियंताओं के पावर कारपोरेशन

    छह माह तक हड़ताल पर रोक लगाने की अधिसूचना जारी ऊर्जा निगमों ने पहले से ही हड़ताल पर लगा दी थी रोक में काम न करने संबंधी पत्र पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष गोयल को लिखा है।

    इसको देखते हुए राज्य सरकार ने सभी विभागों, निगमों व स्थानीय प्राधिकरणों में अगले छह माह तक हड़ताल करने पर रोक लगाने का निर्णय किया है। शुक्रवार को प्रमुख सचिव कार्मिक एम देवराज ने उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम के तहत हड़ताल पर रोक लगाने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी। गौरतलब है कि ऊर्जा निगमों में तीन जनवरी तक हड़ताल करने पर पहले से ही रोक लगी है। कारपोरेशन प्रबंधन ने तीन जनवरी के बाद भी छह माह तक ऊर्जा निगमों में हड़ताल पर रोक लगाने के लिए सरकार से अनुरोध किया था। अधिसूचना होने पर ऊर्जा निगमों में अगले वर्ष तीन जुलाई तक हड़ताल पर रोक रहेगी।

  • आउटसोर्सिंग पर कर्मियों की भर्ती और निगरानी के लिए बनेगा निगम

    आउटसोर्सिंग पर कर्मियों की भर्ती और निगरानी के लिए बनेगा निगम

    आउटसोर्सिंग पर कर्मियों की भर्ती और निगरानी के लिए बनेगा निगम

    लखनऊ: यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मियों के खिलाफ अबैध कार्रवाई व शोषणा शिकायतों को दूर करने और सेवाप्रदाता एजेंसियों को जवावदेह वनाने का तंत्र विकसित किया जाएगा। सरकार आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की भर्ती, उनकी सेवाओं और सुविधाओं की मॉनिटरिंग के लिए आउटसोर्स सेवा निगम बनाने की तैयारी कर रही है। श्रम विभाग के तहत काम करने वाले इस निगम को विभिन्न अधिकारों से लैस किया जाएगा, जिससे यह कर्मचारियों के हित में प्रभावी कदम उठा सके।

    प्रदेश में इस समय 6 लाख से अधिक आउटसोर्ल्ड कर्मचारी है। स्वास्थ्य सहित जन सुविधाओं से जुड़े अहम विभागों के महत्वपूर्ण काम इनके हाथ में है। आउटसोर्सिंग के जरिए आने वाले इन कर्मचारियों के वेतन, सुविधाओं सहित अन्य सेवा शर्तों के मानक सरकार ने तय कर रखे हैं।

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    जिन्हें पूरा करने का दावा भी सेवा प्रदाता एजेंसियां करती हैं। लेकिन, नियुक्ति से लेकर सेवा समाप्ति तक की मॉनिटरिंग का कोई व्यवस्थित तंत्र न होने से सेवा शतों के दुरुपयोग की शिकायतें भी आती है। इसलिए, आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों के चयन के लिए अलग से निगम वनाने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया गया है। सभी एजेंसियों को इस निगम में पंजीकृत होना होगा। इसके जरिए ही विभाग एजेंसियों का चयन करेंगे।

    नीति और प्रभावी बनाने के निर्देश सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने सीएम योगी के समक्ष प्रस्तावित नीति का प्रजेंटेशन दिया था। सीएम ने नीति को प्रभावी और कर्मचारियों के हितों पर केंद्रित रखने के निर्देश दिए थे। खासकर, आउटसोर्सिंग के जरिए काम करने वाले सभी कर्मचारियों का EPF खाता हो, जिसमें कंपनियों का अंशदान नियमित तौर पर जाए।

    निगरानी तंत्र पर जोर क्यों?

    यूपी में सेवाओं का बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। सेवाओं के सापेक्ष कर्मचारियों की उपलब्धता के लिए आउटसोर्सिंग की नीति अपनाई जा रही है। दो दर्जन से अधिक विभागों में अलग-अलग स्तर पर आउटसोर्सिंग के जरिए लाखों कर्मचारी काम रहे हैं। इनकी दक्षता न केवल कार्य की गुणवत्ता प्रभावित करती है, बल्कि योजनाओं के जमीनी अमल पर भी असर डालती है। इसलिए, इनको बेहतर सुविधाएं, वेतनमान आवश्यक है। सरकार को अक्सर सेवा प्रदाता एजेंसियों द्वारा कर्मचारियों के शोपण, वेतन में अवैध ढंग से कटौती सहित मनमानी की शिकायतें आती हैं। एजेंसियों के इस काम से बट्टा शासन की साख को लगता है। इसलिए, आउटसोर्सिंग सेवाओं की मॉनिटरिंग के लिए भी व्यापक तंत्र बनाए जाने का फैसला किया गया है।

    इन बदलावों की हो रही तैयारी

    ■ आउटसोर्स्ट कर्मियों को वेतन निगम के जरिए ही सीधे उनके अकाउंट में भेजा जाए और एजेंसियों को उनकी सेवा के बदले तय कमिशन का ही भुगतान हो। इससे कम वेतन देने, समय से भुगतान न करने जैसी शिकायतों को दूर किया जा सकेगा।

    ■ दागी या आपराधिक प्रवृत्ति के लोग सेवा में न आ सकें, इसलिए पुलिस वैरिफिकेशन किया जाए।

    तय करने का निगम जहां नियुक्तियों की निगरानी करेगा वहीं, कर्मचारियों की सेवा समाप्ति में संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति को भी अनिवार्य बनाया जा रहा है। ■ अलग-अलग कैडर के हिसाब

    से न्यूनतम वेतनमान भी तय होगा। ■ कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए रेंडमाइजेशन की जगह अकैडमिक बेस्ड मेरिट प्रणाली लागू करने पर विचार हो रहा ह

  • बैंक खाता में नामिनी न होने पर पैसे किसे मिलेंगे? प्रक्रिया और नियम जानें।

    बैंक खाता में नामिनी न होने पर पैसे किसे मिलेंगे? प्रक्रिया और नियम जानें।

    बैंक खाता में नामिनी न होने पर पैसे किसे मिलेंगे? प्रक्रिया और नियम जानें।

    अगर बैंक खाता account में नामिनी नहीं है और खाता धारक का निधन हो जाता है, तो जमा की गई राशि कानूनी वारिसों को दी जाएगी। इसके लिए कानूनी दस्तावेजों और प्रक्रिया का पालन करना होगा।कई बार यह सवाल उठता है कि अगर किसी बैंक खाता bank account धारक का निधन हो जाता है और उसके खाते account में कोई नामिनी नहीं है, तो जमा राशि का क्या होगा?

    यह एक जटिल और महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि नामिनी खाता धारक के निधन की स्थिति में बैंक bank से पैसे account निकाल सकता है। आइए जानते हैं ऐसी स्थिति में पैसे paise किसे मिलेंगे और बैंक की प्रक्रिया क्या है।

    नामिनी का महत्व

    बैंक खाता account खोलते समय नामिनी जोड़ने की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण important कदम है। नामिनी वह व्यक्ति होता है जिसे खाता account धारक के निधन के बाद बैंक से पैसे देने का अधिकार होता है।

    नामिनी का नाम, संबंध, उम्र, पता, पैन नंबर आदि की जानकारी information बैंक bank द्वारा ली जाती है, ताकि खाता धारक के निधन के बाद जमा राशि आसानी से नामिनी को ट्रांसफर transfer की जा सके।

    हालाँकि, कई बार ग्राहक नामिनी जोड़ने की अनदेखी करते हैं या उनके पुराने खातों में नामिनी की जानकारी information अपडेट update नहीं करते। ऐसी स्थिति में, यदि खाता account धारक का निधन हो जाता है, तो उसके खाते account में जमा राशि का हकदार कौन होगा?

    नामिनी बिना बैंक खाता और पैसे किसे मिलेंगे?

    अगर बैंक खाता bank account में नामिनी नहीं है और खाता account धारक का निधन हो जाता है, तो जमा राशि उसके कानूनी वारिसों को दी जाएगी।

     

  • उपचुनाव के बाद अनुदेशक शिक्षामित्रों की समस्या पर सरकार में अब तक खामोशी क्यों? कर रहे हैं इंतजार!

    उपचुनाव के बाद अनुदेशक शिक्षामित्रों की समस्या पर सरकार में अब तक खामोशी क्यों? कर रहे हैं इंतजार!

    उपचुनाव के बाद अनुदेशक शिक्षामित्रों की समस्या पर सरकार में अब तक खामोशी क्यों? कर रहे हैं इंतजार!

     

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  • Samvida Karmchari Latest News: 23 हजार संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी? नए साल के पहले लगने जा रहा झटका, संघर्ष समिति ने किया यह बड़ा दावा

    Samvida Karmchari Latest News: 23 हजार संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी? नए साल के पहले लगने जा रहा झटका, संघर्ष समिति ने किया यह बड़ा दावा

    Samvida Karmchari Latest News: 23 हजार संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी? नए साल के पहले लगने जा रहा झटका, संघर्ष समिति ने किया यह बड़ा दावा

    Samvida Karmchari Latest News संविदा कर्मचारियों samvida karchari भले ही सरकार government के विभिन्न विभागों में काम करते हैं, लेकिन उनकी नौकरी सरकारी कर्मचारियों की तरह नहीं रहती है। उन्हें कब नौकरी job से निकाला जा सकता है, इसकी जानकारी किसी को नहीं रहती है।

    इसी बीच अब उत्तर प्रदेश UP सरकार government के बिजली विभाग में संविदा आधार पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों पर नौकरी job जाने का खतरा मंडरा रहा है। यह दावा विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने किया है। उनका कहना है कि पॉवर कारपोरेशन द्वारा जारी प्रश्नोत्तरी विद्युत वितरण निगमों के कर्मचारियों की छंटनी का खुला दस्तावेज document है। साथ ही समिति ने कंपनी के निजीकरण करने का भी दावा किया है। हालांकि अभी तक इस पर कंपनी company की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।

    23818 कर्मचारी निजीकरण के साथ ही निकाल दिए जाएंगे

    समिति के सदस्यों ने दावा किया है कि प्रश्नोत्तरी दस्तावेज document में यह कहना कि एक साल के बाद जो कर्मचारी निजी क्षेत्र में काम न करना चाहे उनके सामने शेष बचे हुए ऊर्जा निगमों में आने या वीआरएस लेकर घर जाने का विकल्प होगा। विद्युत वितरण निगमों में तीन प्रकार के कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। एक वह जो कॉमन कैडर के हैं, दूसरे वह जो संबंधित निगम के कर्मी हैं और तीसरे वह जो आउटसोर्स कर्मचारी हैं। जो निगम के कर्मी हैं, निजी क्षेत्र से वापस आने के बाद उनका समायोजन किसी नियम के तहत अन्य निगमों में नहीं किया जा सकता। साफ है ऐसे 23818 कर्मी सीधे-सीधे नौकरी से निकाल दिए जाएंगे। वीआरएस VRS केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिल सकता है, जिनकी 30 साल year की सेवा हो। वीआरएस भी एक प्रकार की छंटनी है।

     

  • प्रशिक्षण के दौरान शिक्षामित्रों को खराब खाना देने का आरोप, पढ़िए पूरा मामला

    प्रशिक्षण के दौरान शिक्षामित्रों को खराब खाना देने का आरोप, पढ़िए पूरा मामला

    प्रशिक्षण के दौरान शिक्षामित्रों को खराब खाना देने का आरोप, पढ़िए पूरा मामला

    डायट में चल रहे शिक्षा मित्रों shikshamitro के प्रशिक्षण के प्रति शिक्षामित्र के हिसाब से शुद्ध जलपान के लिए विभाग द्वारा पैसे दिये जा रहे हैं। जिसमें ठेकेदार द्वारा घटिया खाना बनाकर खिलाया गया।जिससे शिक्षामित्रों shikshamitro में ठेकेदारों के खिलाफ रोष व्याप्त है। बीसलपुर डायट में बिलसण्डा बीसलपुर, बरखेड़ा के शिक्षा मित्रों का एक दिवशीय प्रशिक्षण कराया गया। 

    विभाग द्वारा शिक्षामित्रों shikshamitro को खाने के लिए विभाग द्वारा प्रति शिक्षा मित्र के हिसाब से लगभग 100 रुपये दिये जा रहे हैं लेकिन ठेकेदार पैसों का गोलमाल कर शिक्षामित्रों shikshamitro के लिए घटिया खाना बनाकर खिला दिया। खाना खाकर शिक्षा मित्र आपस में चर्चा कर रहे थे कि ऐसा खाना घर पर होता तो नहीं खाते। ठेकेदार ने पैसे paiso का गोलमाल कर इतना बेकार खाना खिला दिया। उधर डायट प्राचार्य महेन्द्र कुमार का कहना है कि मैने खाना खुद खाकर देखा है खाने में गुणवत्ता थी। शिक्षा मित्र ठेकेदार पर आरोप लगा रहे हैं, जो निराधार है।

     

  • गैरहाजिर मिले 29 शिक्षक और शिक्षामित्र

    गैरहाजिर मिले 29 शिक्षक और शिक्षामित्र

    गैरहाजिर मिले 29 शिक्षक और शिक्षामित्र

    बारांबकी: विद्यालयों vidyalay में शिक्षकों, शिक्षामित्रों shikshamitro और अनुदेशकों की उपस्थिति जांचने के लिए बृहस्पतिवार को अभियान चलाया गया। इस दौरान नामित अधिकारियों की टीम ने जिले के 91 विद्यालयों vidyalay का निरीक्षण किया।इस दौरान 29 लोग अनुपस्थित मिले। अधिकारियों द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार इनका एक दिन days का वेतन काटते हुए जवाब तलब किया गया है। 

    बीएसए BSA संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि जिलाधिकारी DM सत्येंद्र कुमार के आदेश पर बृहस्पतिवार को सघन निरीक्षण अभियान चलाया गया। अधिकारियों की टीम ने सुबह 9 से एक बजे तक विद्यालयों की जांच की और पूरा ब्योरा फोटो सहित प्रेरणा पोर्टल prerna portal पर अपलोड किया।

    उन्होंने बताया कि जिले के सभी 14 खंड शिक्षाधिकारियों के साथ ही जिला समन्वयक पीएम पोषण डॉ. पीयूष कुमार, जिला समन्वयक एमआईएस पुनीत कुमार श्रीवास्तव, ईएमआईएस इंचार्ज पंकज कुमार वर्मा, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा पुनीत मणि त्रिपाठी, जिला समन्वयक प्रशिक्षण विनीता मिश्रा, जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता नंदन पांडेयन्ने कुल 91 विद्यालयों का निरीक्षण किया।

     

  • AAPAAR ID PPT MODULE: अपार आईडी पीपीटी माड्यूल

    AAPAAR ID PPT MODULE: अपार आईडी पीपीटी माड्यूल

    AAPAAR ID PPT MODULE: अपार आईडी पीपीटी माड्यूल

     

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  • मानव सम्पदा पोर्टल से ऑनलाइन अवकाश और भ्रांतियां

    मानव सम्पदा पोर्टल से ऑनलाइन अवकाश और भ्रांतियां

    मानव सम्पदा पोर्टल से ऑनलाइन अवकाश और भ्रांतियां

    *एक्सक्लूसिव🚩🚩🚩*_

    _*मानव सम्पदा पोर्टल से ऑनलाइन अवकाश और भ्रांतियां—-*_

    > _👉 *प्रश्न- हमने कल एक दिन का मेडिकल लिया था ,लेकिन वह अभी तक अप्रूव नही हुआ,इस स्थिति में अब आज अवकाश कैसे लें???*_

    _उत्तर-चूंकि आज आप किसी भी अवकाश पर नहीं है,तो इस स्थिति में आप आज आकस्मिक अवकाश यानी CL या फ्रेश मेडिकल लीव के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आज के अवकाश के लिए पिछले अवकाश का स्वीकृत होना अनिवार्य नहीं है।_

    > _👉 *हमने कल तक का CCL लिया था या कल तक मेडिकल लिया था और मेडिकल को एक्सटेंड भी किया था ,इस स्थिति में हमें आज का CL लेना है ,हमारी हेड का कहना है कि आज जॉइन करना होगा तभी आप कल CL ले सकते/सकती हैं,अब हम क्या करें???*

    उत्तर- _ऐसा कोई नियम नही है कि आप एक अवकाश के उपभोग करने के बाद दूसरा अवकाश नहीं ले सकते। आप नियमानुसार अवशेष आकस्मिक अवकाश ले सकते हैं। एक अवकाश का उपभोग करने के बाद दूसरा अवकाश लेने के लिए जोइनिंग अनिवार्य नहीं है_

    > _👉 *मेरी आज से CCL प्रारम्भ होनी थी ,लेकिन मेरी CCL अभी तक BSA महोदय ने स्वीकृत नही की है ,इस स्थिति में हम क्या करें???*_

    _उत्तर-समाधान 1- या तो आप CCL रिजेक्ट करने की पुनः रिक्वेस्ट भेज दें,और CCL रिजेक्ट करवाने के बाद मेडिकल लीव के लिए अप्लाई कर दें।_

    👉 _समाधान 2- जब तक CCL अप्रूव न हो ,आप विद्यालय जाती रहें। ऐसी स्थिति कभी न उत्पन्न हो इसके लिए आप हमेशा CCL के लिए 10 दिन पहले अप्लाई करें।_

    > _*नोट-मेडिकल लीव और मैटर्निटी लीव के लिए आपका अप्लाई कर देना ही पर्याप्त है approve होना अनिवार्य नहीं है।*_

    _*जोइनिंग रिक्वेस्ट भेजने के बाद पेंडिंग होने से उपस्थिति लॉक करने पर वेतन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।*_

    _*ऐसी विभागीय जानकारी के लिए एक्सक्लूसिव ग्रुप के साथ जुड़ें रहें..🩷🩷🩷*_

    _आपका दिन मंगलमय और विद्यालय शीघ्र निपुण हो,यही मंगलकामना है टीम एक्सक्लूसिव की आपके लिए!_

     

    ✍️ _*निर्भय सिंह,लखनऊ*_

    _मो-7499088470_

    _&_

    _*अरुण कुमार मिश्र,प्रतापगढ़*_

    _मो–8574444040_

  • शिक्षामित्रों के प्रदर्शन को लेकर बड़ी खबर: शासनादेश को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

    शिक्षामित्रों के प्रदर्शन को लेकर बड़ी खबर: शासनादेश को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

    शिक्षामित्रों के प्रदर्शन को लेकर बड़ी खबर: शासनादेश को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

     

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