Author: Ravi Singh

  • लीव स्पेशल एक्सक्लूसिव पोस्ट: विभिन्न प्रकार की छुट्टियों के प्रकार व नियम

    लीव स्पेशल एक्सक्लूसिव पोस्ट: विभिन्न प्रकार की छुट्टियों के प्रकार व नियम

    लीव स्पेशल एक्सक्लूसिव पोस्ट: विभिन्न प्रकार की छुट्टियों के प्रकार व नियम

    *_लीव स्पेशल एक्सक्लूसिव पोस्
    > _Casual लीव—_

    > _एक शैक्षिक सत्र में एक स्थायी कर्मचारी को 14 आकस्मिक अवकाश मिलते है जिसमे एक साथ आकस्मिक अवकाश हेडमास्टर approve करता है यदि लगातार 4 से अधिक अवकाश हैं तो beo स्वीकृत करेंगे ।विशेष परिस्थिति में एक साथ आप 14 आकस्मिक का उपभोग कर सकते है ।आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति/अस्वीकृति, सक्षम स्तर द्वारा 3 कार्य दिवस के अन्दर की जायेगी।,,।।।_

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    > _Earned लीव—_

    > _प्रति सेवा वर्ष 1 earned लीव मिलती है इसका उपभोग आप कभी भी कर सकते है यह bsa के द्वारा approve होती है,,।।।_

    > _एबॉर्शन लीव—_

    > _यह लीव महिलाओ के लिए है एबॉर्शन लीव 42 दिनों की होती है। यह अवकाश सेवा काल मे जितनी बार चाहे लिया जा सकता है इसमें दो अवसर व दो बच्चों की बाध्यता नही है,,।।।_

     

    > _चाइल्ड केअर लीव—_

    > _यह अवकाश महिलाओं के लिए होता है यह अवकाश दो बच्चों पर पूरे सेवाकाल में 730 दिन का मिलता है इसको bsa स्वीकृत करते है एक बार मे अधिकतम 30 व पूरे सत्र में अधिकतम 3 बार लिया जा सकता है,,।।।_

    > _मैटरनिटी लीव—_

    > _यह महिलाओं को दो बच्चे के लिए 180 दिन प्रति बच्चे के लिये 360 दिन की पूरे सेवाकाल में मिलती है दो से अधिक बच्चे जीवित होने पर यह अवकाश देय नही है दिव्यांग /असाध्य रोगी के संबंध एक अतरिक्त अवसर देय है,,,।।।_

    > _मेडिकल अवकाश—_

    > _यह अवकाश महिला व पुरुष दोनों को मिलता है पूरे सेवाकाल में 365 दिन का मिलता है ।42 दिन का मेडिकल अवकाश beo द्वारा और इससे अधिक bsa द्वारा स्वीकृत होता है। उपर्युक्त 365 दिवस का अवकाश समाप्त होने के पश्चात आपवादिक मामलों में चिकित्सा परिषद की संस्तुति पर सम्पूर्ण सेवाकाल में कुल मिलाकर 6 माह का चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अतिरिक्त अवकाश और स्वीकृत किया जा सकता है।_

    > _एक्स्ट्रा आर्डिनरी लीव—_

    > _01:- यह छुट्टी पूरे सेवाकाल में अधिकतम 5 वर्ष के लिये स्थायी कर्मचारी को मिलती है,,।।।_

    > _02:- परिवीक्षा काल मे एक बार मे 3 माह से अधिक का अवकाश देय नही है,,।।।_

    > _03:- असाधारण अवकाश की अवधि के लिए कोई अवकाश वेतन देय नही है,,।।।_

    > _04:- जब आवश्यकता पड़े आवेदन किया जा सकता है किसी प्रकार के प्रतिबंध की आवश्यकता नही है_

    > _05:- यह अवकाश बीमारी अध्ययन व जनहित कार्य हेतु देश के अंदर व बाहर दोनो में स्थिति में लिया जा सकता है,,।।_

    > _06:- यह अवकाश प्रधानाध्यापक /इंचार्ज के पोर्टल पर आवेदन होगा प्रधानाध्यापक /इंचार्ज beo को फारवर्ड करेगा और beo 5 दिवस में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजेगा और bsa द्वारा 5 दिवस में स्वीकृत व अस्वीकृत का निर्णय लिया जाएगा,,।।।_

    > _परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों को निर्बन्धित अवकाश, प्रतिकर अवकाश व अध्ययन अवकाश अनुमन्य नहीं हैं।_

    > _✍️ *निर्भय सिंह लखनऊ & अरुण कुमार मिश्र प्रतापगढ़*_

  • निपुण एसेसमेण्ट टेस्ट (NAT-2024) के आयोजन के सम्बन्ध में निर्देश व समय सारिणी

    निपुण एसेसमेण्ट टेस्ट (NAT-2024) के आयोजन के सम्बन्ध में निर्देश व समय सारिणी

    निपुण एसेसमेण्ट टेस्ट (NAT-2024) के आयोजन के सम्बन्ध में निर्देश व समय सारिणी

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  • PARAKH APP Download Link: NAT एवं NAS परीक्षा हेतु परख App यहां से करें डाउनलोड

    PARAKH APP Download Link: NAT एवं NAS परीक्षा हेतु परख App यहां से करें डाउनलोड

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    यह कार्य महत्वपूर्ण है। इसलिए आज ही एप्प download करके छात्रों का मिलान कर ले।👇

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    महत्वपूर्ण कृपया ध्यान दे –

    25 नवम्बर 2024 को होने वाले NAT परीक्षा मे OMR Sheet की स्कैनिंग परख एप्प से की जानी है। एप्प पर छात्र संख्या कम प्रदर्शित होने की समस्या का समाधान किया जा चुका है।

    परीक्षा मे किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए विद्यालय के सभी शिक्षक परख एप्प को download कर ले। साथ ही साथ सुनिश्चित हो ले कि कक्षावार छात्रों के नामांकन के सापेक्ष एप्प पर छात्र प्रदर्शित हो रहे।

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  • शिक्षामित्र और अनुदेशक समाधान : कोर्ट हो या सरकार कहीं नहीं सुनी जाती है अनुदेशक- शिक्षामित्र की बात, करें तो क्या करे

    शिक्षामित्र और अनुदेशक समाधान : कोर्ट हो या सरकार कहीं नहीं सुनी जाती है अनुदेशक- शिक्षामित्र की बात, करें तो क्या करे

    शिक्षामित्र और अनुदेशक समाधान : कोर्ट हो या सरकार कहीं नहीं सुनी जाती है अनुदेशक- शिक्षामित्र की बात, करें तो क्या करे

     

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  • प्रधानाध्यापक पद पर मिला फर्जी शिक्षक,सेवा समाप्त

    प्रधानाध्यापक पद पर मिला फर्जी शिक्षक,सेवा समाप्त

    प्रधानाध्यापक पद पर मिला फर्जी शिक्षक,सेवा समाप्त

    बस्ती। बेसिक शिक्षा विभाग में फिर फर्जी शिक्षक की तैनाती का मामला सामने

    आया है। हर्रेया ब्लॉक के मुकुंदपुर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात शिक्षक रामजी सिंह जांच में फर्जी निकला। विभाग ने उसकी सेवा समाप्त कर दी है।

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    वर्ष 2010 में खुद रामजी सिंह बनकर सहायक अध्यापक पर एक शख्स ने अपना चयन करा लिया। उसके सभी प्रपत्र राजी सिंह के नाम से विभाग में जमा हुए। 14 साल फर्जी दस्तावेज पर नौकरी चलती रही। वर्तमान मे मुकुंदपुर प्राथमिक विद्यालय पर संबंधित शख्स प्रधानाध्यापक पद तैनात भी रहा। विभागीय छानबीन में पता चला कि यहां शिक्षक पद पर तैनात रामजी सिंह असली नहीं है।

    वास्तविक रामजी सिंह जनपद चंदौली का रहने वाला है और वह प्राइवेट नौकरी में है। इसी के बाद विभाग ने फर्जी शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी। बीएसए ने तथाकथित शिक्षक के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश दिया है। कहा कि संबंधित शख्स से वेतन की रिकवरी कराई जाएगी। यदि विभाग और कोई शिक्षक संदिग्ध प्रतीत हो रहा है तो उसकी गोपनीय ढंग से शिकायत की जाए। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी

  • मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिला शिक्षक निलंबित

    मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिला शिक्षक निलंबित

    मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिला शिक्षक निलंबित

    अमेठी सिटी। एक परिषदीय स्कूल में मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिले शिक्षक को निलंबित कर दूसरे स्कूल में संबद्ध कर दिया गया है, वहीं इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक को अनियमितता का नोटिस देकर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। यह खामियां खंड शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में मिली हैं

    मेज पर पैर रखकर मोबाइल चलाते मिला शिक्षक निलंबित

    मुसाफिरखाना विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार सिंह ने बताया कि पांच नवंबर को उन्होंने विद्यालय में निरीक्षण किया तो मौके पर गंभीर अनियमितताएं मिलीं। विद्यालय के शिक्षक मकसूद आलम मेज पर पैर फैलाकर कुर्सी पर मोबाइल फोन चलाते मिले। वहीं विद्यालय के बच्चे बाहर फील्ड में घूमते देखे गए। खंड शिक्षा अधिकारी ने इसे आचरण नियमावली के विरुद्ध बताते हुए निलंबन की संस्तुति की है, जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय तिवारी की ओर से आदेश जारी कर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

    विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक समरजीत पर अनियमितता का आरोप लगाया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने आख्या में लिखा है कि विद्यालय में उपस्थिति पंजिका नहीं बनाई गई। परिसर में गंदगी व घास-फूस का अंबार लगा था। सत्र 2023-24 में प्राप्त कंपोजिट ग्रांट 50 हजार में से एक कुर्सी, मेज की खरीद व विद्यालय भवन की सफेदी मात्र कराई गई। आरोप लगाया कि शेष धनराशि का दुरुपयोग किया गया। बीएसए संजय तिवारी ने प्रभारी प्रधानाध्यापक को बीएसए कार्यालय में उपस्थित होकर नोटिस का लिखित जवाब देने के लिए कहा है।

  • प्रभारी शिक्षक द्वारा अश्लील हरकतें करने की आयोग में शिकायत

    प्रभारी शिक्षक द्वारा अश्लील हरकतें करने की आयोग में शिकायत

    प्रभारी शिक्षक द्वारा अश्लील हरकतें करने की आयोग में शिकायत

    गोंडा के परिषदीय विद्यालय की दो शिक्षिकाओं ने महिला आयोग में इंचार्ज अध्यापक के खिलाफ अश्लील हरकतें करने की शिकायत की है।

    जिले में 50 से कम छात्र संख्या वाले चार सौ से ज्यादा स्कूल

    इस संबंध में BSA से लेकर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा तक से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई
    नहीं हुई। आयोग सदस्य रितु शाही ने शिक्षिकाओं को कार्यवाही के लिए आश्वस्त किया है।

  • 69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार 12 नवंबर को होगी। यह सुनवाई 15 नवंबर को प्रस्तावित थी।

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    सुनवाई पहले होने के कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को बैठक कर आगे की रणनीति बनाई। साथ ही उम्मीद जताई कि उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अक्तूबर से चल रहा है। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने इस मामले की एक सुनवाई हुई है।

    इसके बाद से इस पर डेट लग रही है। दिवाली से पहले इस मामले में अगली तिथि 15 नवंबर को प्रस्तावित हुई थी। किंतु अब यह 12 नवंबर को ही लग गई है। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप व प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह ने बैठक में कहा कि वह 2020 से इस मामले की लड़ाई लड़ रहे हैं।

  • छात्रों की मांग पर बदले नियम, मंशा पर न करें संशय, नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

    छात्रों की मांग पर बदले नियम, मंशा पर न करें संशय, नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

    छात्रों की मांग पर बदले नियम, मंशा पर न करें संशय, नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

    प्रयागराज,। पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) को लेकर आंदोलित छात्रों से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विरोध खत्म करने की अपील की है। आयोग के सचिव अशोक कुमार का कहना है कि छात्रों की मांग पर ही शासन ने परीक्षा संबंधी नियमावली में बदलाव किया है।

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    आरओ/एआरओ 2023 में पेपरलीक के बाद छात्रों ने आयोग के सामने प्रदर्शन कर मांग रखी थी कि निजी स्कूल-कॉलेजों को केंद्र न बनाया जाए और परीक्षा केंद्रों की दूरी अधिक न हो। उनकी मांगों पर ही राजकीय और एडेड कॉलेजों को केंद्र बनाया जा रहा है और दूरी दस किमी रखी गई है। रही बात मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) की तो यह सामान्य प्रक्रिया है और अधिकांश परीक्षाओं में इसे किया जा रहा है। आयोग ने भी विशेषज्ञों से फॉर्मूले पर राय ली है। कंप्यूटर से होने वाले मानकीकरण में किसी तरह के हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं है।

    आयोग का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के बीते सात नवम्बर के आदेश के अनुसार यदि विज्ञापन, भर्ती एवं चयन संबंधी किसी बिन्दु पर मौन है तो उससे संबंधित सक्षम प्राधिकारी चयन के लिए अभ्यर्थियों की शार्टलिस्टिंग के उद्देश्य से यथा आवश्यक प्रशासनिक एवं व्यवस्थागत प्रक्रिया निर्धारित व लागू कर सकते हैं। आयोग भी उसी क्रम में प्रक्रिया अपना रहा है।

    परीक्षाओं के संबंध में अभ्यर्थियों ने आयोग को पत्र भेजकर बताया है कि कुछ टेलीग्राम चैनल एवं यू-ट्यूबर्स परीक्षा को टलवाने की साजिश कर रहे हैं। ये चैनल परीक्षा के मानकीकरण को लेकर भ्रम फैला रहे हैं और अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहे हैं। अनेक अभ्यर्थी जिनके लिए यह परीक्षा और समय दोनों ही बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, आयोग के इस निर्णय का समर्थन करते हैं। सरकार एवं आयोग मंशा छात्र हितों को संरक्षित करना एवं मेरिट के आधार पर चयन सुनिश्चित करना है। चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी एवं छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। इस संबंध में अभ्यर्थियों को सभी आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है।

    नॉर्मलाइजेशन के संबंध में सुझावों का स्वागत

    आयोग ने साफ किया है कि मानकीकरण के संदर्भ में आयोग अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है और जिसको भी उसके संदर्भ में कोई सुधार-सुझाव और बेहतर व्यवस्था हो, वह अभ्यर्थी दे सकते हैं। सभी सुझावों को प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगी और जो शुचिता गुणधर्मिता, अभ्यर्थियों के हित में आवश्यक होगा, उसका पालन किया जाएगा।

  • UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

    UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

    UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन

    प्रयागराज के जिस उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से लाखों प्रतियोगी छात्रों की उम्मीदें बंधी होती हैं, वही आयोग छात्रों के ही निशाने पर है। यूपीपीसीएस (UPPCS) और आरओ/एआरओ (RO ARO) की प्रारंभिक परीक्षा में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) के विरोध में इतना बड़ा धरना प्रदर्शन हो रहा है कि लोगों को 2013 के त्रिस्तरीय आंदोलन की याद ताजा हो गई है। इससे पहले 2013 में लोक सेवा आयोग के त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव के विरोध में इतनी बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र सड़कों पर उतर आए थे।

    UPPCS exam:11 साल बाद छात्रों का इतना बड़ा प्रदर्शन, याद आया 2013 का त्रिस्तरीय आरक्षण आंदोलन
    उस समय आयोग ने चुपके से 27 मई 2013 को एक प्रस्ताव पारित कर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की रिक्तियों पर अन्य वर्ग के छात्रों को वरीयता देने को मंजूरी दे दी थी। पहले अंतिम चयन में आरक्षण लागू होता था लेकिन नए नियम में मुख्य परीक्षा से ही मनमाने तरीके से आरक्षण लागू कर दिया गया था। इस कारण साक्षात्कार में सामान्य वर्ग के छात्रों का अवसर कम हो गया था।

    पूर्व के नियम के मुताबिक, पीसीएस 2011 के इंटरव्यू में सामान्य वर्ग के 189 पदों के सापेक्ष साढ़े तीन गुना अभ्यर्थियों को बुलाया जाना चाहिए था। लेकिन, पांच जुलाई 2013 को घोषित पीसीएस 2011 मुख्य परीक्षा के परिणाम में ऐसा नहीं हुआ। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अधिक संख्या में चुन लिए गए हैं। इसके खिलाफ छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा था। इसके विरोध में छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की थीं। हालांकि हाईकोर्ट से आदेश आने के पहले ही आयोग ने 26 जुलाई को अपना प्रस्ताव वापस लेकर संशोधित परिणाम जारी कर दिया था। इस आंदोलन में प्रतियोगी छात्रों की ही जीत हुई थी।

    मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) का विरोध कर रहे राजन तिवारी का कहना है कि पहले हम अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से आयोग के समक्ष रखेंगे। वहां सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे और वहां भी न्याय नहीं मिला तो अंत में न्यायालय की शरण में जाएंगे। गौरतलब है कि आरओ/एआरओ 2023 की 11 फरवरी को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का पेपरलीक होने के बाद भी हजारों अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त करने के लिए आयोग का घेराव किया था।