8वीं तक मान्यता, 12वीं तक पढ़ाई, निजी स्कूलों की कमाई

8वीं तक मान्यता, 12वीं तक पढ़ाई, निजी स्कूलों की कमाई

कानपुर। निजी माध्यमिक स्कूल नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर छात्रों के फर्जी तरीके से दाखिले करा रहे हैं।

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कई स्कूल ऐसे हैं जिनकी मान्यता आठवीं तक है लेकिन उनमें 12वीं तक के बच्चे पढ़ रहे हैं। ये स्कूल 12वीं तक मान्यता वाले उन निजी स्कूलों में इन छात्रों का पंजीकरण देते हैं जहां छात्र संख्या कम है। इन स्कूलों की संख्या लगभग 150 है। बच्चों से ज्यादा पंजीकरण शुल्क और ठीकठाक फीस वसूलकर दोनों स्कूल कमाई कर लेते हैं।

शहर में बीते पांच वर्षों से यह खेल चल रहा है लेकिन आज तक अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं को अब जब उप निदेशक शिक्षा (माध्यमिक) कानपुर मंडल प्रेम

प्रकाश मौर्य ने स्कूलों का निरीक्षण किया तो मिलीभगत सामने आई।

बता दें कि 12वीं तक मान्यता प्राप्त स्कूलों ने ऐसे छात्रों को दाखिला देकर माध्यमिक शिक्षा परिषद में पंजीकरण कराया है जो किसी अन्य स्कूल में पढ़ते हैं याफिर केवल परीक्षा देने आते हैं। पूरे साल स्कूल न आने के बाद भी प्रमाणपत्र और अंकतालिका में रेग्युलर स्टूडेंट लिखा होता है।

स्कूलों के फायदे का गणित

12वीं तक के मान्यता प्राप्त स्कूल एक छात्र के पंजीकरण के न्यूनतम 3500 रुपये वसूलते हैं, जबकि 10वीं की सरकारी पंजीकरण फीस 501 और 12वीं की 601 रुपये है। 11वीं और 12वीं की पंजीकरण फीस 50 रुपये है। ऐसे में प्रति छात्र औसत तीन हजार रुपये की आमदनी होती है। 8वीं तक मान्यता वाले स्कूल 12वीं तक के छात्रों अपने स्कूल में पढ़ाकर साल भर फीस वसूलते हैं, यह उनकी कमाई का जरिया है।

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