Old Pension : अब पुरानी पेंशन बहाली की मांग ने पकड़ा जोर और सरकार को दे डाली बड़ी चेतावनी
old pension scheme : उत्तराखंड में एक बार फिर पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकारी शिक्षक और कर्मचारी सड़कों पर उतरे हैं. अल्मोड़ा और बागेश्वर में शिक्षक और कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल की मांग करते हुए धरना- प्रदर्शन किया है. साथ ही लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
बागेश्वर: उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में पुरानी पेंशन बहाली की मांग एक बार उठने लगी है. अलग अलग जिलों में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज अल्मोड़ा, बागेश्वर में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेर शिक्षक और कर्मचारियों ने हल्ला बोला।
प्रदर्शनकारियों ने धरना-प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली. रैली में बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर लोकसभा चुनाव से पहले उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वे सरकार के खिलाफ वोट करेंगे।
अल्मोड़ा चौघानपाटा में सरकार और मंत्रियों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली. रैली में बड़ी संख्या में जिले भर से आए शिक्षक और कर्मचारी हाथों में स्लोगन लिखी तख्ती लिए नजर आए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार को बड़ी चेतावनी दी।
शिक्षक और कर्मचारी सरकार के खिलाफ डालेंगे वोट: पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के जिलाध्यक्ष गणेश भंडारी ने कहा कि लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही है. अब लोकसभा चुनाव के लिए एक झंडा भी लांच कर दिया गया है, जो लोकसभा चुनाव के दौरान सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के घरों में लहराएगा।
जिससे उनके परिवार के सभी सदस्य पुरानी पेंशन बहाली के लिए वोट करेंगे. उन्होंने कहा कि देश के अनेक राज्यों में पुरानी पेंशन लागू है. ऐसे में हम भी उत्तराखंड में इसे लागू करने की मांग करते आ रहे हैं. वहीं, संगठन की महिला जिला उपाध्यक्ष शांति जुयाल ने कहा कि हमारी एकमात्र मांग पुरानी पेंशन बहाली की है. ऐसे में सरकार से मांग है कि इस बार उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा. वहीं, अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है, तो वह अबकी बार सत्ता से हाथ धो बैठेगी।
बागेश्वर में भी पुरानी पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन: बागेश्वर में भी पुरानी पेंशन की मांग को लेकर पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े लोगों ने जिला मुख्यालय में धरना दिया. इसी बीच उन्होंने डीएम के माध्यम से सीएम धामी को ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन में कर्मचारियों का कहना है कि एक जनवरी 2004 को सभी केंद्रीय कर्मचाारियों के लिए नई पेंशन योजना लागू कर दी गई थी।
जिसके तहत उत्तराखंड सरकार ने भी अपने सभी कर्मचारियों के लिए एक अक्टूबर 2005 से पुरानी पेंशन को समाप्त कर नई पेंशन योजना लागू कर दी थी. जब से सभी शिक्षक और कर्मचारी अपने भविष्य के प्रति चिंतित हैं. उत्तराखंड के सभी कर्मचारी 2017 से पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि पुरानी पेंशन में कर्मचारियों का हित सुरक्षित है।
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