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शिक्षामित्र स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET/CTET) उत्तीर्ण शिक्षामित्रो को नियमित अध्यापक बनाए जाने की किया मांग

शिक्षामित्र स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET/CTET) उत्तीर्ण शिक्षामित्रो को नियमित अध्यापक बनाए जाने की किया मांग
Written by Ravi Singh

शिक्षामित्र स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET/CTET) उत्तीर्ण शिक्षामित्रो को नियमित अध्यापक बनाए जाने की किया मांग

 

शिक्षक शिक्षामित्र उत्थान समिति उत्तर प्रदेश द्वारा स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET/CTET) उत्तीर्ण शिक्षामित्रो के भविष्य संरक्षण के सम्बंध में विधायक रामकृष्ण भार्गव पूर्व मंत्री को मांग पत्र सौंपा। मांगपत्र में बताया कि भारत जैसे देश में जहाँ गुरु-शिष्य परम्परा अर्थात गुरु का स्थान ईश्वर से बढ़कर है परन्तु आज शिक्षामित्र (गुरु जी) विद्यालय में शिक्षण करने के उपरान्त जीवन यापन एवम पारिवारिक भरण पोषण के लिए मजदूरी करने को विवश है।

शिक्षामित्र स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET/CTET) उत्तीर्ण शिक्षामित्रो को नियमित अध्यापक बनाए जाने की किया मांग

वर्तमान में लगभग 147000 स्नातक बी टी सी शिक्षामित्र कार्यरत हैं, जिसमे से लगभग 45000 शिक्षामित्र स्नातक, बी टी सी एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण हैं। जो की एन सी टी ई के मानक के अनुसार शिक्षक बनने की पूर्ण योग्यता रखते है। इनकी योग्यता को दृष्टिगत रखते हुए आपसे सादर निवेदन करते हैं कि उत्तराखंड / हिमांचल प्रदेश की भांति नियमावली में संशोधन करते हुए उत्तर प्रदेश के लगभग 45 हजार प्रशिक्षित ।

शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को उनके कार्यानुभव तथा योग्यता को दृष्टिगत रखते हुए सहायक अध्यापक पद पर नियमित किया जाए। मृतक शिक्षकों के आश्रितों की भाँति स्नातक प्रशिक्षित (DBTC) टी.ई.टी. सी. टी. ई.टी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों के 22 वर्षों के शिक्षण अनुभव को देखते हुए उनको सहायक अध्यापक पद पर नियमित किया जाए। शेष शिक्षामित्रों को नवीन नियमावली बनाकर नियमित किया जाए।

नवीन नियमावली के सृजित होने तक उत्तराखण्ड, हिमांचल प्रदेश, राजस्थान ओडिशा झारखण्ड, राज्यों की भाँति महंगाई को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को भी 12 माह का सम्मानजनक मानदेय दिया जाए। अल्प मानदेय में नियुक्ति तिथि से अब तक गृह जनपद में कार्यरत महिला जो कि अपने बच्चों और परिवार से 21 वर्षों से दूर रह रहीं हैं जिसके कारण अति दवाब के चलते पारिवारिक विघटन जैसी विकराल समस्या मुँह बाए खड़ी हो रही है एक तरफ स्वयं तो दूसरी तरफ बच्चों की मानसिक स्थितियां बेहद प्रभावित हो रही हैं। प्रदेश की महिला शिक्षामित्र जो नियुक्ति तिथि से अब तक अपने गृह जनपद में कार्यरत है उन्हें उनके पति के जनपद में स्थानांतरण किया जाय।

 

शिक्षामित्रों की व्यक्तिगत / पारिवारिक तथा बढती उम्र, की जरूरतों को देखते हुए शिक्षकों के समान आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त चिकित्सीय अवकाश एवं महिला शिक्षामित्रो को बाल्य देखभाल (C.C.L.) अवकाश प्रदान किया जाए । शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय वापसी निर्देश को, पुनः अमल में लाने का आदेश जारी किया जाए। उपर्युक्त मांगों के साथ हम सभी आपसे अभयदान की कामना कर रहे है उत्तर प्रदेश के टीईटी. उत्तीर्ण शिक्षामित्र एवं संगठन आपका आजीवन आभारी रहेगा। प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह, प्रदेश महामंत्री अनुज त्रिपाठी, प्रदेश संरक्षक आशीष सिंह ने ज्ञापन सौंपकर शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान करने की मांग किया।

 

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