एनएएस के लिए कक्षा तीन, छह व नौ के बच्चों का हर सप्ताह कराएंगे अभ्यास, कक्षा एक के बच्चों की मदद करेंगे शिक्षक
प्रतापगढ़ एनएएस (नेशनल एचीवमेंट सर्वे) की परीक्षा चार दिसंबर को तथा निपुण एसेसमेंट टेस्ट (एनएटी) 25 व 26 नवंबर को आयोजित की जाएगी। यह दोनों परीक्षाएं ओएमआरशीट पर होंगी। शासन ने कक्षा तीन, सह व नी के बच्चों को हर शनिवार को ओएमआरशीट का अभ्यास कराने को कहा है। इसका क्रियान्वन भी इस शनिवार से कर दिया गया है।
शुरू परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अंतर्गत होने वाली एनएएस (नेशनल एचीवमेंट सर्वे) की परीक्षा का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा के लिए वैश्विक मूल्यांकन विकसित करना है। इसमें कक्षा तीन एवं कक्षा छह में भाषा गणित व परिवेश के ज्ञान तथा कक्षा नी में भाषा, गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान विषय में विद्यार्थियों की दक्षताओं का आकलन किया जाएगा।
परीक्षा में 125 विद्यालयों के कक्षा तीन, छह व नी के बच्चे भाग लेंगे। हालांकि अभी तक इन विद्यालयों की सूची जिला शिक्षा एवं प्रशरिक्षण संस्थान की प्राप्त नहीं हो सकी है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
अतरसंड डायट के उपशिक्षा निदेशक प्राचार्य रमेश कुमार तिवारी ने बताया कि बच्चों को ओमआर शीट भरने का अभ्यास हर शनिवार को कराना है।
सुरक्षित रखी जाएगी ओएमआर शीट
निपुण एसिसमेंट टेस्ट के बाद शिक्षकों को परख एप के माध्यम से ओएमआर शीट को स्कैन कर अपलोड करना होगा। शीट अपलोड करने के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक सभी खंड शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी बीएसए को इसकी जानकारी देंगे। टेस्ट के उपरांत बच्चों की ओएमआर सीट दो महीने तक सुरक्षित रखना होगा। स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बीएसए को पत्र भेजकर निर्धारित तिथि में टेस्ट कराने को कहा है।
कक्षा एक के बच्चों की मदद करेंगे शिक्षक परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक के बच्चों की ओएमआर शीट शिक्षक खुद भरेंगे। इस टेस्ट में कक्षा एक से आठ तक के कुल दो लाख सात हजार बच्चे भाग लेंगे। कक्षा चार और पांच में हिंदी, गणित, अंग्रेजी और पर्यावरण अध्ययन की परीक्षा होगी, वहीं कक्षा छह से आठ के छात्रों की हिंदी, गणित, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान की परीक्षा होगी। 25 नवंबर को कक्षा एक से तीन और 26 नवंबर को कक्षा चार से आठ के छात्रों की परीक्षा होगी। परख एप पर परीक्षा होने के दो घंटे के भीतर शिक्षकों को ओएमआर शीट स्कैन और अपलोड करनी होगी। निपुण एसेसमेंट टेस्ट के माध्यम से विद्यार्थियों के अंकों को पढ़ने और उनकी पहचान करने का पता लगाया जाएगा