बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज प्रवीण कुमार त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर रोक
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट HC ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी BSA प्रयागराज प्रवीण कुमार त्रिपाठी की जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर थाने में दर्ज एफआईआर FIR के तहत विवेचना में सहयोग की शर्त पर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार government से चार हफ्ते में जवाब मांगा है यह आदेश न्यायमूर्ति त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने प्रवीण कुमार त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
एमसी याची का कहना है कि जब वह जौनपुर में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी BSA पर पर तैनात था, उस समय जिला विद्यालय Vidalaya निरीक्षक जौनपुर के कोरोना संक्रमित होने के कारण इस पद का प्रभार था। हिंदू इंटर कालेज मुंगराबादशाहपुर की प्रबंध समिति का चुनाव उसकी व संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी की निगरानी में संपन्न हुआ। याची ने पद का दायित्व निभाते हुए नव निर्वाचित प्रबंधक का हस्ताक्षर सत्यापित किया। शिकायतकर्ता ने धारा 156 (3) के तहत षड्यंत्र धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एफआईआर FIR दर्ज करने की अदालत में अर्जी दी, जिस पर प्रश्नगत एफआईआर दर्ज की गई है।
याची का यह भी कहना है कि इस मामले में उसके खिलाफ कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की वह सरकारी सेवक है। धारा 197 के तहत सरकार की अनुमति लिए बगैर उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती। प्राथमिकी झूठी है। केवल उसे परेशान करने के लिए है। प्रबंध समिति चुनाव में कुछ अवैध हुआ है तो शिकायतकर्ता को कानून के तहत चुनौती देने का अधिकार है। याची ने पद का दायित्व निभाया है। उसके खिलाफ एफआईआर FIR दर्ज करना कानूनी प्रक्रिया का उल्लघंन है। इसलिए एफआईआर FIR रद्द की जाय। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
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