परिषदीय प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में उपलब्ध कराए गए टैबलेट के माध्यम से एम डी एम व छात्रों की उपस्थिति दर्ज करने के संबंध में
Author: Ravi Singh
UP Constable 2024 Physical Test: यूपी पुलिस फिजिकल टेस्ट की तैयारी करें शुरू; 4.8 किमी की लगानी होगी दौड़, ऐसे होगा चयन
UP Constable 2024 Physical Test: यूपी पुलिस फिजिकल टेस्ट की तैयारी करें शुरू; 4.8 किमी की लगानी होगी दौड़, ऐसे होगा चयन
UP Constable 2024 Physical Test: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 के नतीजे आधिकारिक वेबसाइट पर घोषित कर दिए हैं। यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा का कटऑफ जारी हो चुका है। कटऑफ सूची आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। इस भर्ती परीक्षा में करीब 174316 उम्मीदवार पास हुए हैं। इस भर्ती से जुड़ा ताजा अपडेट यहां पढ़ सकते हैं।
UP Police Constable Bharti: 60 हजार से अधिक पदों के लिए यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी हो चुकी है। लिखित परीक्षा में पास हुए उम्मीदवारों को अब दस्तावेजों का परीक्षण और शारीरिक मानक परीक्षा में शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति कट ऑफ लिस्ट में वरिष्ठता के आधार पर ढाई गुना अभ्यर्थियों (1,74,316) को चयनित करके दिसंबर के तीसरे सप्ताह में दस्तावेजों का परीक्षण और शारीरिक मानक परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा।
कांस्टेबल लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले सभी उम्मीदवार की आधिकारिक वेबसाइट (uppbpb.gov.in) पर जाकर रिजल्ट देख सकते हैं।
यूपी पुलिस कांस्टेबल पीएसटी और पीईटी चयन प्रक्रिया का दूसरा चरण है और केवल उन उम्मीदवारों के लिए आयोजित किया जाता है जो लिखित परीक्षा में सफल घोषित किए जाते हैं। इसमें दो चरण शामिल हैं: शारीरिक मानक परीक्षण (PST) और शारीरिक दक्षता परीक्षण
पास करने वाले उम्मीदवारों को यूपी पुलिस शारीरिक योग्यता के बारे में पता होना चाहिए। जो लोग यूपी पुलिस कांस्टेबल शारीरिक मानक परीक्षण और दस्तावेज सत्यापन की सभी आवश्यकताओं को पूरा करेंगे, उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा।
इतने मिनट की लगानी होगी दौड़
दस्तावेज सत्यापन और शारीरिक मानक परीक्षण में सफल पाए जाने वाले उम्मीदवार यूपी पुलिस दौड़ में शामिल होंगे। दौड़ में पास होने के लिए पुरुष उम्मीदवारों 4.8 किमी की दौड़ 25 मिनट में लगानी होगी, जबकि महिला उम्मीदवारों को 14 मिनट में 2.4 किमी की दौड़ लगानी होगी। उम्मीदवार ध्यान दे, जो अपनी दौड़ पूरी नहीं कर पाएंगे, वे इसके लिए योग्य नहीं होंगे।
महिला उम्मीदवारों की हाइट
उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल बनने के लिए सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग की महिला उम्मीदवारों की ऊंचाई 152 सेमी होनी चाहिए। वहीं अनुसूचित जनजाति महिला उम्मीदवारों की न्यूनतम ऊंचाई 147 सेमी होनी चाहिए।
पुरूष उम्मीदवारों की हाइट
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जातियों के पुरुष उम्मीदवारों की लंबाई न्यूनतम 168 सेमी होनी चाहिए, जबकि अनुसूचित जनजाति के पुरुष उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 160 सेमी होना आवश्यक है।
वजन और छाती का माप
इसके अलावा पुरुष उम्मीदवारों का सीना बिना फुलाए हुए 79 और फुलाए जानें पर 84 सेमी होना चाहिए। आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों का सीना बिना फुलाए हुए 77 सेमी और फुलाने के बाद 82 सेंटीमीटर होना चाहिए।
कैसे होगा मेडिकल टेस्ट?
सबसे अंत में उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट से गुजरना होता है। इसमें अभ्यर्थियों की लंबाई, सीना और वजन के साथ, आंखों की रोशनी, हियरिंग, दांत और ओवरऑल शारीरिक फिटनेस की जांच की जाती है। इन सभी दौर से गुजरने के बाद फाइनल लिस्ट तैयार की की जाती है।
विभाग में मचा हड़कंप :चार बीईओ के खिलाफ डीओ लेटर जारी
विभाग में मचा हड़कंप :चार बीईओ के खिलाफ डीओ लेटर जारी
महराजगंज, । बीएसए कुमार गुप्ता 11 शिक्षकों के खिलाफ निर्देश के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं कराने के मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। परतावल, पनियरा, निचलौल व सिसवा के बीईओ के खिलाफ डीओ लेटर जारी कर दिया है। इससे विभाग में हड़कंप मच गया है। अनुशासनहीनता के आरोप में इन खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी की श्री शिकायत शिकायत पर पर जांच जांच रिपोर्ट के आधार पर पिछले चार साल में दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। इन शिक्षकों की नियुक्ति तिथि से वेतन रिकवरी व विधिक कार्रवाई के लिए एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी है।एफआईआर संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारियों को कराना था। लेकिन बर्खास्त 11 शिक्षकों के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है। इसमें से कुछ शिक्षकों की बर्खास्तगी डेढ़ से दो साल पहले हुई है। एफआईआर दर्ज होने की वजह से फर्जी शिक्षक गिरफ्त से दूर हैं। वेतन की रिकवरी नहीं हो पा रही है। आरोप लगता है कि खंड शिक्षा अधिकारी सांठगांठ के चलते एफआईआर दर्ज नहीं करा रहे हैं।
बीएसए श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा कि फर्जी नियुक्ति में बर्खास्त किए जा चुके शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी है, लेकिन चार ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज नहीं कराया है। यह अनुशासनहीनता है। इस मामले में परतावल, पनियरा, निचलौल व सिसवा के बीईओ के खिलाफ डीओ लेटर जारी किया गया है।
इन बर्खास्त शिक्षकों पर अभी तक एफआईआर नहीं फर्जी नियुक्ति में परतावल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय धनगड़ा के शिक्षक
राजकुमार यादव, प्राथमिक विद्यालय बैजौली के शिक्षक दिनेश चंद, पनियरा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय डिहवा के शिक्षक प्रेमचंद शुक्ल, निचलौल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शिकारपुर के शिक्षक अजय प्रताप, पैकौली के शिक्षक वेदानंद यादव, अदरौना के शिक्षक रतन कुमार पांडेय, बकुलडीहा के शिक्षक कन्हैया लाल यादव, बढ़ेपुरवा के शिक्षक अरविन्द यादव, बैठवलिया द्वितीय के शिक्षक सैयद अली व सिसवा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मटियरिया के शिक्षक जयप्रकाश पांडेय व प्राथमिक विद्यालय पिपरिया कला के शिक्षक उस्मान गनी को बर्खास्त किया जा चुका है, लेकिन बीएसए के आदेश के बाद भी अभी तक इन बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है
वेतन आयोग का इतिहास:- वेतन आयोग-गठन वर्ष-लागू वर्ष
वेतन आयोग का इतिहास:- वेतन आयोग-गठन वर्ष-लागू वर्ष
वेतन आयोग का इतिहास:-
वेतन आयोग-गठन वर्ष-लागू वर्ष
पहला वेतन आयोग-1946 -1947
दूसरा वेतन आयोग-1957-1960(3 वर्ष विलम्ब)
तीसरा वेतन आयोग-1970-1973(6 वर्ष विलम्ब)
चौथा वेतन आयोग-1983-1987(10 वर्ष विलम्ब)
पांचवां वेतन आयोग-1994-1997(10 वर्ष विलम्ब)
छठा वेतन आयोग-2006-2008(11 वर्ष विलम्ब)
सातवां वेतन आयोग-2014-2016(9 वर्ष विलम्ब)
आठवां वेतन आयोग-?
➡️ यदि समय से वेतन आयोग लगते तो 8वां वेतन आयोग 2017 में लग जाता और अब 9वें वेतन आयोग के गठन का समय(2025-2027) आ जाता जोकि वर्तमान में 9 वर्ष विलम्ब चल रहा है।
नोट:-इस विलम्ब की वजह से सभी कर्मचारियों/पेंशनर को एक वेतन आयोग का नुकसान हो रहा है जोकि उनके वेतन का औसतन 30% मासिक होता है।
🚀यदि आज वेतन 30,000 मिलता है तो 39,000 मिल रहा होता
🚀60,000 मिल रहा है तो 78,000 मिल रहा होता ।
🚀1,00,000 है तो 1,30,000 मिल रहा होता।
UP Police Constable Result:उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा परिणाम जारी,देखें
UP Police Constable Result:उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा परिणाम जारी,देखें
उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा परिणाम जारी
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Result Chek LINk 1
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Result Chek LINk 2
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Post Office FD: 5 साल में बनाएं 25 लाख का फंड
Post Office FD: 5 साल में बनाएं 25 लाख का फंड
अगर आप अपने पैसे को सुरक्षित और फायदे के साथ निवेश करना चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक अच्छा विकल्प है। यह योजना आपको उच्च ब्याज दर और सुरक्षित रिटर्न देती है।
पोस्ट ऑफिस एफडी में निवेश के फायदे
उच्च ब्याज दर:वर्तमान में पोस्ट ऑफिस एफडी पर 7.5% ब्याज मिल रहा है, जो कई बैंकों से बेहतर है।
Post Office FD यह योजना सरकार द्वारा समर्थित है, जिससे आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है।
सभी के लिए उपलब्ध: भारत का कोई भी नागरिक, चाहे अमीर हो या गरीब, इस स्कीम में निवेश कर सकता है।5 साल में 25 लाख कैसे बनेंगे? | Post Office FD Calculator
यदि आप 5 साल के लिए एकमुश्त निवेश करते हैं, तो यह योजना आपको ब्याज सहित बड़ा फंड बनाने में मदद करती है।
Post Office FD Interest Rate
निवेश राशि (₹) ब्याज दर (%) 5 साल का ब्याज (₹) कुल रिटर्न (₹) 17,24,200 7.5 7,75,800 25,00,000 नोट: यहां एकमुश्त मतलब एक बार में पूरी राशि निवेश करनी होगी।
निवेश के लिए योग्यता
भारतीय नागरिक होना जरूरी।
उम्र 18 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए।
सभी धर्म, वर्ग और आय स्तर के लोग इसमें निवेश कर सकते हैं।पोस्ट ऑफिस एफडी क्यों चुनें?
सरल प्रक्रिया: नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर आसानी से खाता खोल सकते हैं।
फिक्स्ड रिटर्न: जोखिम नहीं, सिर्फ फायदे।
छोटे से बड़ा फंड: समय के साथ आपका पैसा बढ़ता है।निवेश की प्रक्रिया
नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाएं।
फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए आवेदन करें।
एकमुश्त राशि जमा करें और रसीद प्राप्त करें।Read More
UP By Election Exit Poll: उत्तर प्रदेश की कुल 9 सीटों पर वोटिंग खत्म होने के बाद अब एग्जिट पोल देखें
विद्यालयों में रसोइयों को दिखाई जाएगी फिल्म
विद्यालयों में रसोइयों को दिखाई जाएगी फिल्म
अमेठी सिटी। जिले के 1570 विद्यालयों में तैनात रसोइयों को फिल्म दिखाने की योजना है। नवीन पोषण फिल्म के माध्यम से उन्हें पोषण योजना के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। बाद में प्रश्नावली के माध्यम से प्रशिक्षण का टेस्ट भी लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री पोषण या मध्याह्न योजना छात्र-छात्राओं के पोषण एवं स्वास्थ्य से जुड़ी होने के कारण महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील योजना है। भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विद्यालय में तैनात रसोइयों को नवीन पोषण प्रशिक्षण फिल्म दिखाई जाएगी जिसमें विद्यालय स्तर पर ही रसोइयों को प्रधानाध्यापक या इंचार्ज अध्यापक की ओर से फिल्म दिखाई जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग में मध्याह्न भोजन योजना के जिला समन्वयक अरुण त्रिपाठी
ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद रसोइयों का ध्यान विभिन्न नियमों और निर्देशों पर आकृष्ट किया जाना है। इसमें भोजन पकाने से पहले गैस स्टोव, बर्नर व रेगुलेटर की जांच की जाए। भोजन पकाने में एलपीजी का प्रयोग हो।किचन में खाना पकाने से पहले सुनिश्चित किया जाए कि वहां चूहा, कीड़े, छिपकली व मक्खी आदि न हों। भोजन को ढककर ही पकाया जाए तथा पका हुआ भोजन ढक कर रखा जाए। खाद्य सामग्री में आयोडीन युक्त नमक, सील बंद तेल, मसाले का ही प्रयोग किया जाए। निर्धारित मैन्यू के अनुसार भोजन बनाया जाए। रोटी कच्ची व जली हुई न हो।
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UP Police bharti : सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले आरोपियों ने ईडी के सामने उगले कई राज
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परख सर्वेक्षण बैठक में अनुपस्थित 509 प्रधानाचार्यों को नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण
परख सर्वेक्षण बैठक में अनुपस्थित 509 प्रधानाचार्यों को नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण
प्रतापगढ़। जीआईसी में 13 नवंबर को राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण की तैयारियों के संबंध में बुलाई गई बैठक में 43 राजकीय, 78 सहायता प्राप्त एवं 41 वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य ही पहुंचे, जबकि 509 प्रधानाचार्य गैरहाजिर रहे।
इस पर सख्ती बरतते हुए डीआईओएस ने अनुपस्थित वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचायों को नोटिस भेजा है। दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश डीआईओएस ने दिए हैं। प्रधानाचार्यों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विद्यालय के मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई होगी।
जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा नौ के विद्यार्थियों की गणित, भाषा, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान में दक्षता परखने के लिए चार दिसंबर को राष्ट्रीय परख परीक्षा होगी। पहली बार विद्यार्थी ओएमआर शीट पर परीक्षा देंगे।
डीआईओएस ओमकार राणा ने बताया कि कक्षा नौवीं के विद्यार्थियों की दक्षता परखने के लिए परख परीक्षा होनी है। विद्यालयों में प्रत्येक शनिवार को विद्यार्थियों को परीक्षा के संबंध में जागरूक करने व ओएमआर शीट पर प्रश्नों के उत्तर भरने का अभ्यास कराया जा रहा है। बैठक कर प्रधानाचायों को जानकारी दी गई लेकिन वित्तविहीन विद्यालयों के अधिकांश प्रधानाचार्य अनुपस्थित रहे। वहीं, माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह का कहना है कि डीआईओएस
कार्यालय के सोशल मीडिया ग्रुप से वित्तविहीन विद्यालयों के कई प्रधानाचार्य नहीं जुड़े हैं। साथ ही जिले की सीमाओं के प्रधानाचार्यों को कार्यक्रम के दिन ही सूचना ग्रुप के माध्यम से दी जाती है, जिससे वह समय पर नहीं पहुंच पाते हैं। प्रधानाचार्यों से इस संबंध में चर्चा की जाएगी। किस कारण से वह बैठक में नहीं पहुंच सके।