अभी भी 99 के फेर में हैं चयनित और अचयनित अभ्यर्थी ~ बात को ध्यान से सुनना और दिल कमज़ोर हो तो न पढ़ना। By हिमांशु राणा
अभी भी 99 के फेर में हैं चयनित और अचयनित अभ्यर्थी ~
बात को ध्यान से सुनना और दिल कमज़ोर हो तो न पढ़ना।
हमेशा कहता था कि मा० उच्च न्यायालय न्याय करती है कोई बीच का रास्ता नही निकालती है तो ऐसा कोई रास्ता न्यायालय ने दिया नही है कि विज्ञापन के पद बढ़ जाएँगे इन्हें न्यायालय के आदेश का word to word पालन करना होगा यानी कुछ के बदले कुछ।
कुछ निकलेंगे तभी कुछ घुसेंगे। पद बढ़ाने की शक्ति इनके पास है नही और न ही ऐसा कोई दिशा निर्देश, legislature विज्ञप्ति के पदों को ही भरेगी वरना बाहर खड़े अभ्यर्थी भी judiciary के लिए तैयार बैठे हैं।
जैसा कह रहे हैं कि मा० सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व में हुए आदेशानुसार और अभी हाल ही में मा० उच्च न्यायालय के आदेश के सापेक्ष पदों को भरेंगे तो उससे अधिक कुछ करना है तो आपके पास कोई न्यायिक रीज़न भी होना चाहिए ऐसा करने का । केवल हाथ हिलाकर कुछ को अंदर लेंगे तो बाहर फ़ौज खड़ी है कि हमें भी लो।
सब सोच रहे हैं कि हमारा भी होगा हमारा भी होगा अंदर बैठे वाले सोच रहे हैं हमें कौन निकालेगा तो सभी भ्रम में हैं सूची बनेगी मस्त एकदम इसी बीच जिनके अंक बढ़ने हैं और अन्य valid reason है जिसके बाद वे अंदर हो जाएँगे तो वे भी ख़ुद को शामिल करने की direction कोर्ट से लें।
पद हैं उन्हत्तर हज़ार नौकरी मिलेगी नब्बे हज़ार को अजीब मज़ाक़ फैला रखा है मार्केट में।
ख़ैर बातों के बताशे हैं बनाते रहो लेकिन हक़ीक़त ये है कि इस भर्ती के नेता भी कम दोषी न है इसको यहाँ तक पहुँचाने में और अब भी BEd के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं।
थोड़े कहे को अधिक समझें
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