आपने पॉलिसी करवाकर LIC को दिया पैसा, लेकिन उसने कहां लगाया, क्या खरीदा, क्या बेचा? जानिए
देश Desh की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी company भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) एक ऐसा नाम है, जिसके बारे में गांव से लेकर शहर तक सभी लोग जानते हैं।
वहीं, शेयर बाजारों markets में सबसे बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स invester एलआईसी LIC ने सितंबर तिमाही के दौरान अपने 285 होल्डिंग्स में से 75 में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई और अपने पोर्टफोलियो में 7 नए शेयर जोड़े हैं.सितंबर तिमाही में कंपनी की कुल ग्रॉस पर्चेज वैल्यू 56,000 करोड़ रुपये रही।
जिसमें से लगभग आधी रकम लॉर्ज-कैप शेयरों share में निवेश की गई. वहीं, कुल सेलिंग वैल्यू 38,000 करोड़ रुपये से ज्यादा था, जिससे नेट खरीद 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रही।
LIC ने 84 शेयरों में घटाई हिस्सेदारी
इस तिमाही में एलआईसी LIC ने 84 शेयरों में अपनी हिस्सेदारी घटाई और 7 कंपनियों company से पूरी तरह बाहर निकल गई. बाकी 111 शेयरों में उसकी हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं हुआ।
प्राइम डेटाबेस के डेटा Data के मुताबिक, एलआईसी LIC के 285 शेयरों के पोर्टफोलियो का कुल वैल्यू बढ़कर 16.76 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछली तिमाही में 15.72 लाख करोड़ रुपये था. संयोगवश यह रणनीतिक खरीदारी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) से मजबूत फ्लोज के साथ मेल खाती है. इसी दौरान FIIs ने 88,459 करोड़ रुपये जबकि DIIs ने 1.04 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया।
इन बड़ी कंपनियों में एलआईसी LIC ने घटाई हिस्सेदारी
बिक्री के मोर्चे पर एलआईसी LIC की सबसे बड़ी डिवेस्टमेंट्स में लुपिन (Lupin) शामिल था, जिसमें 2,230 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए, इसके बाद एनटीपीसी NTPC और एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट के शेयरों की बिक्री क्रमशः 2,129 करोड़ रुपये और 2,105 करोड़ रुपये रही. अन्य प्रमुख डिवेस्टमेंट्स में हीरो मोटोकॉर्प (₹1,987 करोड़), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (₹1,732 करोड़), गेल इंडिया (₹1,726 करोड़), वोल्टास (₹1,718 करोड़), टाटा पावर (₹1,706 करोड़) और एचपीसीएल (₹1,562 करोड़) शामिल थे।
पोर्टफोलियो में जोड़े ये 7 शेयर
एलआईसी LIC ने अपने पोर्टफोलियो को विविधता देने के लिए 7 नए स्टॉक्स भी जोड़े, जिनमें सायंट लिमिटेड, श्याम मेटालिक्स एंड एनर्जी लिमिटेड, सनोफी कंज्यूमर हेल्थकेयर इंडिया, श्रीराम फाइनेंस, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं, जिनकी कुल खरीदारी लगभग 8,560 करोड़ रुपये की रही।