69000 शिक्षक भर्ती: 3 घंटे में कम्प्यूटर से सूची बन सकती है, अखिलेश ने पूछा- भाजपा को क्यों चाहिए तीन महीना
69000 शिक्षक भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी की योगी सरकार पर लगातार हमलावर है। अखिलेश ने एक बार फिर मंगलवार को योगी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है।
यूपी की भाजपा सरकार इसके लिए 3 महीने का जो समय मांग रही है, वो संदिग्ध है। इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटालेवाली भाजपा सरकार के खिलाफ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाकर, कहीं आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार इसे अपने बचे हुए कार्यकाल के लिए टालना तो नहीं चाहती है। भाजपा का सबसे बड़ा संकट ही यही है कि उसका असली चेहरा जनता ने देख लिया है और अब जनता भाजपा की सूरत और सीरत पहचान गयी है।
69000 शिक्षक भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है, उप्र की भाजपा सरकार इसके लिए 3 महीने का जो समय माँग रही है, वो संदिग्ध है। इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटाले वाली भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा… pic.twitter.com/ZYlWNo0gkC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 20, 2024
अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों के आंदोलन का ताजा वीडियो भी जारी किया। इसमें मोबाइल के टार्च की रोशनी पर अभ्यर्थी हुंकार भर रहे हैं। यह अभ्य़र्थी महिनों से लखनऊ में आंदोलन कर रहे हैं। कई बार पुलिस की लाठियां खाईं इसके बाद भी विभिन्न जिलों से आकर यहीं पर डेरा जमाए हुए हैं।
योगी सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को मानने का फैसला किया है लेकिन इसके बाद भी शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का आंदोलन भी जारी है। आंदोलनकारी चाहते हैं कि पहले मेरिट जारी हो, नियुक्ति पत्र मिले। उन्हें शक है कि योगी सरकार कभी भी सुप्रीम कोर्ट जाकर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर सकती है। अगर मामला सुप्रीम कोर्ट गया तो फिर कई साल के लिए मामला टल सकता है। आरक्षित वर्ग से आने वाले यह अभ्यर्थी लगातार सरकार पर पिछड़ों और दलितों के खिलाफ फैसले लेने वाली सरकार कहते हुए निशाना भी साधा है। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को मिली बड़ी हार के पीछे भी इस तरह के आंदोलन को ही कारण माना जाता है। सपा और कांग्रेस ने योगी और भाजपा सरकार को आरक्षण विरोधी बताते हुए लगातार हमले किए हैं। ऐसे में सरकार बैकफुट पर भी है।
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